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Eid-ul-Fitr 2020: सादगी से मनाई ईद, घर और ईदगाह पर अदा की गई नमाज; सोशल डिस्टेंसिंग का रखा ख्याल

उत्तराखंड के अलग-अलग शहरों में ईद-उल-फितर का त्योहार सादगी के साथ मनाया गया। लॉकडाउन के चलते ईदगाह और मस्जिदों में चंद लोगों ने ही नमाज अदा की।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 08:57 AM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 10:37 AM (IST)
Eid-ul-Fitr 2020: सादगी से मनाई ईद, घर और ईदगाह पर अदा की गई नमाज; सोशल डिस्टेंसिंग का रखा ख्याल
Eid-ul-Fitr 2020: सादगी से मनाई ईद, घर और ईदगाह पर अदा की गई नमाज; सोशल डिस्टेंसिंग का रखा ख्याल

देहरादून, जेएनएन। ईद-उल-फितर का त्योहार सादगी के साथ मनाया जा गया। लॉकडाउन के चलते ईदगाह और मस्जिदों में कुछ लोगों ने ही नमाज अदा की। ज्यादातर लोगों ने घरों में रहकर ही नमाज अदा की। इस दौरान शारिरिक दूरी के मानकों का भी खास ख्याल रखा। वहीं, ईद पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सभी को ईद-उल-फितर की बधाई दी।

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उत्तराखंड के अलग-अलग शहरों में ईद-उल-फितर का त्योहार सादगी के साथ मनाया गया। लॉकडाउन के चलते ईदगाह और मस्जिदों में चंद लोगों ने ही नमाज अदा की। ज्यादातर लोगों ने अपने-अपने घरों में ही नमाज अदा की। देहरादून, हरिद्वार, टिहरी समेत अन्य जिलों में भी लोगों ने उलेमाओं की अपील के तहत शारीरिक दूरी का पालन कर ईद मनाई गई। देहरादून में सुबह से ही सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूजे को ईद की मुबारकबाद दी। शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी, नायब शहर काजी सुन्नी सैयद अशरफ हुसैन कादरी, मुफ्ती रईस अहमद कासमी, मौलाना शाहनजर ने अमन चैन की दुआ मांग नमाज अदा करवाई।

वहीं, ईदगाह के अलावा धामावाला, पटेलनगर, मयूर विहार आदि मस्जिदों में चंद लोगों ने नमाज अदा की। मस्जिदों के बाहर पुलिस तैनात रही। लोगों ने शीर, सेवइयां, फेनी बनाई। ईद उल फितर के दिन लोग जल्दी उठकर नए कपड़े पहनकर मस्जिदों में जाते हैं और नमाज अदा करके एक-दूसरे को बधाई देते हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह यह पर्व घर पर ही मनाया गया, जिससे शारीरिक दूरी बनी रहे और त्योहार के रास्ते यह बीमार लोगों के घर तक ना पहुंचे।

हरिद्वार में पुलिस रही मुस्तैद 

हरिद्वार जिले के पथरी क्षेत्र समेत देहात में अधिकांश जगहों पर नमाज अल सुबह अदा की। ज्वालापुर ईदगाह के आसपास पुलिस मुस्तैद रही। शहर के अंदरूनी इलाकों में ईद पर हर साल की तरह लगने वाले मेले इस बार नदारद रहे। पुलिस ने लगातार घूम-घूम कर लोगों से शारीरिक दूरी का पालन करने और मास्क लगाकर बाहर आने की अपील की। शासन-प्रशासन और उलेमाओं की अपील का माकूल असर ईद के त्योहार पर नजर आया।  

मस्जिदों में चार से पांच लोगों ने ही अदा की नमाज 

रुड़की शहर से लेकर आसपास के देहात क्षेत्रों में ईद-उल-फितर की नमाज लॉकडाउन के नियमों के अनुसार ही अदा की गई। शहर की ईदगाह, जामा मस्जिद, आइआइटी रुड़की परिसर स्थित मस्जिद समेत अन्य मस्जिदों में चार से पांच लोगों ने ही नमाज अदा की। इस दौरान नमाजियों ने मुल्क की खुशहाली के लिए दुआ मांगी। साथ ही विश्व और देश-प्रदेश से कोरोना वायरस का संकट दूर होने की दुआ भी की। वहीं, लंढौरा ईदगाह में मुफ्ती रियासत अली ने नमाज अदा करवाई। इस दौरान सभी जगह देश-प्रदेश के विकास, आपसी प्रेम और भाईचारा बने रहने और कोरोना वायरस के खात्मे की दुआ मांगी गई।

अमन, शांति और कोरोना के खात्मे की मांगी दुआ  

नैनीताल में ईद उल फितर पर जामा मस्जिद मल्लीताल में सोशल डिस्टेंस के साथ नमाज अदा कर मुल्क में अमन और शांति के साथ कोरोना महामारी के खात्मे की दुआ की गई। अधिकांश मुस्लिम समुदाय ने घरों में ही ईद की नमाज अदा की। महामारी की वजह सर पहली बार ईद पर लोग एक दूसरे से गले नहीं मिल सके। 

राज्यपाल और सीएम ने दी ईद की बधाई

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य एवं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों, विशेषकर मुस्लिम समुदाय को ईद-उल-फितर की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्हांने सभी से ईद सादगी से मनाने की अपील की है। अपने संदेश में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि हमारे देश में विभिन्न धर्म और समुदायों द्वारा मनाए जाने वाले त्योहार सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देते हैं और हमें आपस में मिलजुल कर एक दूसरे की खुशियों को बांटने का अवसर प्रदान करते हैं।

ईद-उल-फितर भी हम सबको प्रेम-स्नेह, आपसी भाई-चारे तथा परोपकार की भावना का संदेश देता है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने संदेश में कहा कि ईद-उल-फितर सामाजिक एकता को मजबूत करने के साथ ही आपसी भाईचारे की भावना को बढ़ाता है। 

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रविवार को आखिरी रोजे पर चांद का दीदार 

रविवार को आखिरी रोजे पर चांद का दीदार होने के बाद देहरादून में काजी मोहम्मद अहमद कासमी और नायब सुन्नी शहर काजी सैयद अशरफ हुसैन कादरी ने सोमवार को ईद मनाने का एलान किया। उन्होंने कहा कि ईद पर ईदगाह या मस्जिदों में ईमाम कुछ लोगों के साथ नमाज अदा और दुआ कराएंगे, जो लोग मस्जिद में नमाज पढ़ने से रह जाएंगे वे अपने घरों पर ही चाश्त की चार अकअत नफिल पढ़ेंगे। 

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