Uttarakhand Lockdown: लोगों में लॉकडाउन का नहीं खौफ, मनमर्जी कर पूरा कर रहे शौक
कोरोना संक्रमण को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रलय की बार-बार की चेतावनी भी दून में बेअसर साबित हो रही है। लॉकडाउन को लेकर सरकार की जो कमजोर इच्छाशक्ति शुरुआत से ही हावी रही।
देहरादून, जेएनएन। कोरोना संक्रमण को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रलय की बार-बार की चेतावनी भी दून में बेअसर साबित हो रही है। लॉकडाउन को लेकर सरकार की जो कमजोर इच्छाशक्ति शुरुआत से ही हावी रही, उसका नजारा दून में भी देखने को मिल रहा है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तो तैनात है, मगर ज्यादातर जगह वाहन आराम से पार हो जा रहे हैं। दूसरी तरफ जिन प्रतिष्ठानों का आवश्यक सेवाओं से कोई मतलब भी नहीं है, वह भी छूट की अवधि में खोले जा रहे हैं। पुलिस-प्रशासन की यह अनदेखी हमारे समाज पर कितनी भारी पड़ सकती है, इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता।
दैनिक जागरण टीम ने शहर के अलग-अलग हिस्सों पर लाकडाउन की व्यवस्थाओं का परीक्षण किया तो कई चौंकाने वाली बातें पता चली। शुरुआत करते हैं पुलिस की मुस्तैदी से। जोगीवाला व रिस्पना पुल पर पुलिस सख्ती बरतती दिखी और जिन वाहनों पर आवश्यक सेवा से संबंधित पर्चे चस्पा थे, उनसे पास भी मांगे गए। हालांकि, कारगी चौक पर ऐसी सख्ती नजर नहीं आई। यहां पुलिस कर्मी तो तैनात रहे, मगर उन्हें वाहनों की आवाजाही से कोई सरोकार नहीं दिखा। इसके बाद लालपुल पर भी पुलिस का ढीला रवैया नजर आया।
बल्लूपुर चौक पर भी पुलिस मुस्तैद नजर नहीं आई और बिंदाल में लोगों की पूछताछ करने के लिए सिर्फ बैरिकेडिंग ही दिखी। किशननगर चौक पर भी पुलिस सरसरे ढंग से वहां से गुजरते वाहनों की खोज-खबर ले रही थी। इसके बाद घंटाघर पर व्यवस्थाएं अपेक्षा के अनुरूप चाक चौबंद नजर आई। दूसरी तरफ सहारनपुर व प्रिंस चौक पर भी चौकसी का मामला ठंडे बस्ते में था। रेसकोर्स, धर्मपुर चौक, नेहरू कॉलोनी बाईपास चौक का भी आलम ऐसा ही नजर आया। कुल मिलाकर 70 फीसद से अधिक चेकपोस्ट पर चेकिंग के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती रही।
लॉकडाउन में सैलून से लेकर मिठाई की दुकानें कैसे खुलीं
इसे हद दर्जे की अनदेखी ही कहेंगी कि जिस दून ने लोकल ट्रांसमिशन के फोज दो में दस्तक दे दी है, वहां बिना आवश्यक सेवाओं वाले प्रतिष्ठान भी खुले मिल रहे हैं। देहराखास में ही एक कॉस्मेटिक व ब्यूटी पार्लर खुला मिला। इसी के पास पथरीबाग चौक पर सैलून भी खुला पाया गया। जिस घंटाघर क्षेत्र में पुलिस की चौकसी सबसे अधिक रहती है, उस क्षेत्र में न सिर्फ कॉस्मेटिक की दुकान खुली थी, बल्कि नेशविला रोड के पास एक मिठाई की दुकान भी खुली पाई गई। इन्हें देखकर लग रहा है कि पुलिस के संरक्षण में ही इन्हें छूट दी गई है।
छूट का मतलब शहर में बेवजह घूमना नहीं
लॉकडाउन में मिली छूट सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए है। इसका मतलब यह नहीं कि आपका मन सैर करने का हुआ और रोज एक चक्कर लगाकर बेवजह ही घूम लिए। पुलिस भी मनमर्जी कर शौक पूरा करने वालों पर नकेल नहीं कस पा रही। क्योंकि जिन प्रतिष्ठानों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए खोला भी गया है, वहां समुचित ढंग से शारीरिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा। बुधवार को मातावाला बाग स्थित राशन की दुकान समेत धर्मपुर चौक स्थित दो दुकानों में व्यवस्थाएं धड़ाम दिखीं।
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संपूर्ण लॉकडाउन के बाद दी ढील
दून में 22 मार्च को लॉकडाउन किया गया था। तब इसमें आवश्यक सेवाओं वाले प्रतिष्ठानों को पूरी तरह बाहर किया गया था। इसके बाद 23 मार्च को आवश्यक सेवाओं वाले प्रतिष्ठानों को सुबह सात से 10 बजे खोलने की अनुमति दी गई। 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया तो लगा कि दून में और सख्ती की जाएगी, मगर 27 मार्च से लॉकडाउन में तीन घंटे की अतिरिक्त छूट दे दी गई।
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