लापरवाही व अनियमितता पर लोनिवि में जिम्मेदारी तय
लोक निर्माण विभाग में अब निर्माण कार्यो में गुणवत्ता गलत डिजाइन गलत निविदा अथवा तय दरों से अधिक काम कराने पर अधिकारियों से लेकर ठेकेदार तक की जिम्मेदारी तय कर दी गई है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: लोक निर्माण विभाग में अब निर्माण कार्यो में गुणवत्ता, गलत डिजाइन, गलत निविदा अथवा तय दरों से अधिक काम कराने पर अधिकारियों से लेकर ठेकेदार तक की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। इसके लिए इन पर आर्थिक जुर्माना लगाने की दरें निर्धारित की गई हैं। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि ठेकेदार से वसूली विभागीय देय से नहीं हो सकेगी तो यह भू-राजस्व की भांति जिलाधिकारी से कराई जाएगी। इस संबंध में मंगलवार को शासनादेश जारी कर दिया गया।
अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश द्वारा जारी आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी निर्माण कार्य की जांच में गुणवत्ता निम्न स्तर की पाई जाती है या गलत नाम के कारण अधिक भुगतान पाया गया तो इस स्थिति में नुकसान का 50 फीसद ठेकेदार और 50 प्रतिशत उत्तरदायी विभागीय अधिकारी अथवा कर्मचारी से वसूला जाएगा। विभागीय अधिकारियों में कुल जुर्माना राशि का 50 फीसद मुख्य अभियंता, 35 फीसद सहायक अभियंता व 15 फीसद अधिशासी अभियंता से वसूल की जाएगी। भंडार में गबन पर हुए नुकसान का 60 फीसद कनिष्ठ अभियंता से, नुकसान का कुल 25 फीसद सहायक अभियंता से और 15 फीसद अधिशासी अभियंता से वसूला जाएगा। स्टोर कीपर तैनात होने पर स्टोर कीपर से 35 और कनिष्ठ अभियंता से 25 फीसद जुर्माना वसूला जाएगा।
निर्माण कार्यो में इस्तेमाल किए जाने वाले स्टोन बलास्ट व ग्रिट का 10 प्रतिशत से अधिक गलत साइज पाने पर ठेकेदार को इसकी एवज में होने वाले भुगतान पर 10 प्रतिशत की कटौती, 15 प्रतिशत तक गलत पाए जाने पर 30 प्रतिशत की कटौती, 20 प्रतिशत तक गलत पाए जाने पर 50 प्रतिशत की कटौती और 20 प्रतिशत से अधिक गलत साइज मिलने पर कार्य अस्वीकृत कर दिया जाएगा
आदेश में तकनीकी स्वीकृति के दौरान गलत डिजाइन अथवा गलत प्रविधान करने पर मुख्य अभियंता व सहायक अभियंता से कुल नुकसान का 50 फीसद व शेष 50 फीसद संस्तुति करने वाले अधिशासी अभियंता व सहायक अभियंता से वसूला जाएगा। इसके अलावा अधीक्षण अभियंता व अधिशासी अभियंता स्तर से तकनीकी स्वीकृति में गलती पाए जाने पर भी अलग-अलग अधिकारियों पर जुर्माने का प्रविधान किया गया है। सड़क के पेंटिंग कार्य में कमी पाए जाने पर कुल नुकसान का 50 प्रतिशत ठेकेदार से व शेष 50 फीसद कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता व अधिशासी अभियंता से वसूला जाएगा।