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नए साल में मानव-वन्यजीव संघर्ष थामने को होगी ठोस पहल

नए साल में उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष थामने को प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। वन महकमे ने इसे अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल किया है

By Edited By: Published: Tue, 31 Dec 2019 08:52 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jan 2020 07:43 PM (IST)
नए साल में मानव-वन्यजीव संघर्ष थामने को होगी ठोस पहल
नए साल में मानव-वन्यजीव संघर्ष थामने को होगी ठोस पहल

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष थामने को नए साल में प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। वन महकमे ने इसे अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल किया है। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) जय राज ने मंगलवार शाम वन मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि मनुष्य और वन्यजीव सामंजस्य के साथ रहें, इस पर खास जोर रहेगा। पीसीसीएफ जय राज ने कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष थामने के मद्देनजर प्रभावित क्षेत्रों में क्विक रिस्पांस टीम और विलेज वालेंटरी प्रोटेक्शन फोर्स गठित करने के अलावा सभी संरक्षित क्षेत्रों में ईको डेवलपमेंट कमेटियों (ईडीसी) के गठन की प्रक्रिया तेज की जाएगी। ईडीसी सदस्यों को तकनीकी रूप से दक्ष किया जाएगा, ताकि वे आर्थिकी संवार सकें। वन पंचायतें भी सक्रिय की जाएंगी।

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पौधरोपण नीति में बदलाव 
एक सवाल पर पीसीसीएफ ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में पौधरोपण की सफलता कम है। इसे देखते हुए पौधरोपण नीति में बदलाव किया गया है, जिसमें पहाड़ी क्षेत्रों में सहायतित प्राकृतिक पुनरोत्पादन पर जोर दिया जा रहा है।
कृत्रिम बारिश रोकेगी जंगल की आग 
वनों की आग से संबंधित प्रश्न पर उन्होंने कहा कि पूर्व में इस क्रम में कृत्रिम बारिश का निर्णय लिया गया था। इसके लिए दुबई की एक कंपनी से बात हुई है। इस प्रोजेक्ट का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। कोशिश है कि नए साल से कृत्रिम वर्षा का उपयोग जंगल की आग बुझाने में हो सके। 
वन-जन के रिश्ते होंगे प्रगाढ़ 
पीसीसीएफ ने कहा कि जनता और वन विभाग के रिश्ते को मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। 2019 में फायर सीजन के दौरान की गई पहल का फायदा मिला। कई जगह लोगों ने जंगलों को बचाने में योगदान दिया। नववर्ष में भी यह मुहिम तेज होगी।
अतिक्रमणमुक्त होगी वनभूमि 
पीसीसीएफ ने कहा कि वन क्षेत्रों में 9506 हेक्टेयर वन भूमि अतिक्रमण की जद में है। सर्वे आफ इंडिया की ओर से किए जाने वाले सर्वे के बाद सही तस्वीर सामने आएगी। फिर इसके आधार पर अतिक्रमण हटाने को अभियान चलेगा।
ये योजनाएं चढ़ेंगी परवान 
-कार्बेट में गैंडे और राजाजी टाइगर रिजर्व में आएंगे वाइल्ड डॉग 
-देहरादून जू में दो जनवरी को सर्पबाड़े का उदघाटन 
-दून में जनवरी में अस्तित्व में आएगा सिटी फॉरेस्ट 
-बर्ड डेस्टिनेशन के रूप में विकसित होगा उत्तराखंड 
-राजाजी के दक्षिणी हिस्से में शिफ्ट होंगे पांच बाघ 
-जल संरक्षण को स्प्रिंग मैनेजमेंट पर विशेष फोकस 
-विद्यार्थियों के लिए नेचर कैंप की मुहिम होगी तेज 
कैलेंडर में परिंदों का दीदार 
वन मुख्यालय के मंथन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में पीसीसीएफ जय राज ने विभाग के नववर्ष कैलेंडर का विमोचन भी किया। इसमें उत्तराखंड में पाई जाने वाली परिंदों की तमाम प्रजातियों के चित्र शामिल हैं। इस मौके पर कैंपा के सीईओ डॉ. समीर सिन्हा भी मौजूद थे।

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