प्रदेश प्रभारी ने धड़ेबंदी छोड़ एका की पिलाई घुट्टी
2022 के चुनावी समर में उतरने से पहले प्रदेश में कांग्रेस के सामने उसकी धड़ेबंदी ही सबसे बड़ी चुनौती है। उत्तराखंड में इस समस्या से निपटने के लिए पार्टी ने राजस्थान के फार्मूले पर काम शुरू कर दिया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। 2022 के चुनावी समर में उतरने से पहले प्रदेश में कांग्रेस के सामने उसकी धड़ेबंदी ही सबसे बड़ी चुनौती है। उत्तराखंड में इस समस्या से निपटने के लिए पार्टी ने राजस्थान के फार्मूले पर काम शुरू कर दिया है। राजस्थान में इस फार्मूले के रणनीतिकार रहे प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने इसी तर्ज पर अपने दौरे के पहले दिन चार बैठकें कीं। शीर्ष नेताओं से लेकर आनुषंगिक संगठनों, प्रदेश संगठन पदाधिकारियों को एकजुटता की घुट्टी पिलाई। पार्टी कार्यक्रमों में धड़ेबंदी रोकने को प्रदेश स्तर पर समन्वय समिति के निर्देशन में एक अंब्रेला के नीचे आंदोलन कार्यक्रम होंगे।
उत्तराखंड में सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस राजस्थान के फार्मूले को आजमाएगी। इसके तहत प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं, मुख्य संगठन से लेकर ब्लॉक और तहसील स्तर पर तालमेल कर पार्टी कार्यकर्त्ताओं को लामबंद किया जाएगा। कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी बनने के बाद पहली बार दौरे पर आए देवेंद्र यादव ने आते ही तालमेल बिठाने की भूमिका संभाल ली।
राजीव भवन में मंगलवार को बंद कमरे में सबसे पहले दिग्गज नेताओं के साथ करीब डेढ़ घंटा बैठक में आपसी संवादहीनता खत्म करने पर सहमति बनी। इसके बाद एआइसीसी सदस्यों व लोकसभा चुनाव लड़ चुके प्रत्याशियों, आनुषंगिक संगठनों और फिर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठकें कीं। बैठकों में देवेंद्र यादव ने ये साफ कर दिया कि बगैर तालमेल अलग-अलग कार्यक्रमों से जनता के बीच धड़ेबाजी का संदेश जा रहा है। इस पर अब अंकुश लगाया जाना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पिछली सरकार की उपलब्धियों की तुलना मौजूदा सरकार के कामकाज के साथ की जानी चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने 2022 में कामयाबी के लिए एकजुटता की पैरवी की।
संगठन पर उठाए सवाल
एआइसीसी सदस्यों के साथ बैठक में पूर्व सांसद महेंद्र सिंह माहरा और विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने प्रदेश संगठन पर सवाल भी खड़े किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश कमेटी का विस्तार कर नए सदस्यों को जोड़ा जाना चाहिए। इस बैठक में राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा, मनीष खंडूड़ी, विधायकों में मनोज रावत, ममता राकेश, आदेश चौहान व राजकुमार, पूर्व विधायकों में गणेश गोदियाल, विक्रम सिंह नेगी, संजय पालीवाल, प्रकाश जोशी मौजूद रहे।
फ्रंटल संगठनों को दी नसीहत
पार्टी के फ्रंटल संगठनों, प्रकोष्ठों समेत तमाम आनुषंगिक संगठनों की बैठक में कुछ पदाधिकारियों ने मुख्य संगठन से सहयोग नहीं मिलने का मुद्दा उठा दिया। प्रदेश प्रभारी ने इन संगठनों को मुख्य संगठन से तालमेल कर कार्यक्रम आयोजित करने को कहा। इंटक के कार्यक्रमों में पार्टी नेताओं को भी शामिल करने पर जोर दिया गया। इस बैठक में एससी प्रकोष्ठ अध्यक्ष राजकुमार, इंटक के प्रभारी पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, आइटी प्रकोष्ठ अध्यक्ष अमरजीत सिंह मौजूद रहे।
आइटी प्रकोष्ठ को सक्रिय होने की दी हिदायत
प्रभारी ने आइटी प्रकोष्ठ को सोशल मीडिया मंच पर ज्यादा सक्रिय होने की नसीहत दी। आम आदमी पार्टी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि नई पार्टियां कुछ व्यक्तियों के साथ सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रिय नजर आ रही हैं। उन्होंने सभी फ्रंटल संगठनों व प्रकोष्ठों को जल्द ब्लॉक व तहसील स्तर तक इकाइयां गठित करने की हिदायत दी।
पदाधिकारियों में तालमेल पर जोर
सबसे आखिर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्षों, महामंत्रियों समेत अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक में संगठन में बेहतर तालमेल पर जोर दिया गया। बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, जोत सिंह बिष्ट, धीरेंद्र प्रताप, महामंत्री विजय सारस्वत, मंत्री प्रसाद नैथानी समेत करीब 100 पदाधिकारी मौजूद रहे। उक्त बैठकों में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, सह प्रभारी राजेश धर्माणी, राष्ट्रीय सचिव व विधायक काजी निजामुद्दीन, पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय मौजूद रहे।