अपने समाचार पत्र वितरक को खुश कर दीजिए, मार्च के बिल के साथ अप्रैल का बिल एडवांस चुका दीजिए
हम-आप इस महीने अपने समाचार पत्र वितरक को भी खुश कर दें। अगले सप्ताह उन्हें मार्च के साथ अप्रैल का भी एडवांस बिल भुगतान कर दीजिए।
हरिद्वार, जेएनएन। कोरोनाजन्य लॉकडाउन ने हमें वर्क फ्राम होम के लिए मजबूर कर दिया। हम अपने परिवार के साथ सुरक्षा-स्वच्छता मानकों का पालन करते हुए अपनी सारी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं, पर हर सुबह हमारे दरवाजे समाचार पत्र पहुंचाने वाले वितरकों के पास यह विकल्प नहीं है। उनकी भोर में जागकर सेंटर पहुंचने, अखबार का बंडल उठाने और फिर हमारे दरवाजे तक पहुंचाने की कठिन दिनचर्या पूर्ववत जारी है। कोरोना की दहशत के बीच ड्यूटी कर रहे चिकित्साकर्मियों, पुलिसकर्मियों और मीडियाकर्मियों के लिए प्रधानमंत्री ने तालियां-थालियां बजवा दीं तो क्यों न हम-आप इस महीने अपने समाचार पत्र वितरक को भी खुश कर दें। अगले सप्ताह उन्हें मार्च के साथ अप्रैल का भी एडवांस बिल भुगतान कर दीजिए। आपकी सदाशयता से उस कर्मयोगी का हौसला बढ़ जाएगा।
सभी मीडिया संस्थानों के अलावा केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, देश-प्रदेश के शीर्षस्थ चिकित्सा संस्थानों, अनुसंधान संस्थानों, माइक्रोलॉजी विज्ञानियों और दिग्गज हस्तियों द्वारा तार्किक ढंग से स्पष्ट कर दिए जाने के बाद यह बात प्रमाणित हो चुकी है कि समाचार पत्रों के जरिये कोरोना संक्रमण की आशंका निर्मूल है। यह भरोसा पक्का करने के लिए बड़ी हस्तियां अखबार पढ़ते हुए अपने चित्र वायरल कर रही हैं। वैसे भी समाचार पत्र, खासकर दैनिक जागरण आपके परिवार के सदस्य जैसा है और इसे हर सुबह आपके दरवाजे पहुंचाने वाला वितरक आपके परिवार का शुभचिंतक।
समाचार पत्र आपको हर रोज निर्बाध मिलता रहे, इसके लिए जरूरी है कि समाचार पत्र वितरक का हौसला बुलंद रहे। आपके पास अवसर है कि अगले सप्ताह अपने समाचार पत्र वितरक को कोरोना संक्रमण से बचाव के सारे एहतियात का पालन करते हुए अपने दरवाजे बुला लें और दो महीने का बिल भुगतान करके उसके कठिन कर्तव्य निर्वहन की सराहना करें।
नरेंद्र जुयाल (निरंजनपुर मंडी) का कहना है कि आपका समाचार सुरक्षित है। आपका कर्मयोगी पूरी ईमानदारी के साथ आपको समाचार पत्र पहुंचा रहा है, जिससे आपको कोरोना को लेकर जरूरी व सटीक सूचनाएं मिलती हैं। आप इन कर्मयोगियों को खुशी खुशी भुगतान करें। मीडिया ने लोगों को सबसे ज्यादा जागरूक किया है।
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अंशुल अरोड़ा (पलटन बाजार) का कहना है कि समाचार पत्र पूरी तरह सुरक्षित हैं। इसका वितरण किसी भी सूरत में बंद नहीं होना चाहिए। इस महामारी से निपटने के उपायों के अलावा आमजन के लिए प्रशासनिक स्तर से लिए जाने वाले निर्णयों की सही और पूरी जानकारी समाचार पत्रों से ही मिलती है।
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