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कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को किया गया याद, अर्पित किए श्रद्धासुमन

20वें कारगिल विजय दिवस के मौके राजधानी देहरादून समेत अन्‍य जिलों में विभिन्‍न कार्यक्रम आयोजित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 26 Jul 2019 11:54 AM (IST)Updated: Fri, 26 Jul 2019 09:32 PM (IST)
कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को किया गया याद,  अर्पित किए श्रद्धासुमन
कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को किया गया याद, अर्पित किए श्रद्धासुमन

देहरादून, जेएनएन।  20वें कारगिल विजय दिवस के मौके राजधानी देहरादून समेत अन्‍य जिलों में विभिन्‍न कार्यक्रम आयोजित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। दून के गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत अन्‍य नेताओं और पूर्व सैन्‍य अधिकारियों ने पुष्‍प अर्पित किए। 

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देहरादून के गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि भारत को वीर प्रसूता कहा गया है। यहां जब एक जवान शहीद होता है तो 100 जवान पैदा होते हैं। उत्तराखंड गौरवान्वित है कि आजादी से पहले और बाद में जितने भी युद्ध हुए यहां के वीरों ने आगे बढ़कर शहादत दी। सीएम ने कहा कि भारत आज सशक्त बन चुका है। भारत की सेना का दुनिया में लोहा माना जाता है। मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों से कहा कि यह सरकार आपके लिए है। कहा, अपर मुख्य सचिव पूर्व सैनिकों की समस्याओं के निस्तारण के लिए नोडल अधिकारी होंगे। कहा कि सरकार ने 1905 हेल्पलाइन भी शुरू की है, जिसकी निरंतर समीक्षा भी की जाती है।

मुख्यमंत्री ने कहा सहस्रधारा रोड पर 75 बीघा भूमि पर शौर्य स्थल बनेगा। अब तक हुए विभिन्न युद्ध व आपरेशन में घायल व शहीद सैनिकों के नाम डिजिटल फार्मेट में मौजूद होंगे। एक क्लिक पर उनकी पूरी जानकारी मिलेगी। वहां सैनिकों के आश्रितों के भी व्यवसायिक कोर्स चलेंगे। सीएम ने कहा कि सचिवालय में एंट्री के लिये सैनिकों को प्रवेश पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। उनकी आइडी ही इसके लिए वैध होगी। कहा कि सैनिकों व पूर्व सैनिकों को मुझसे मिलने के लिये अपाइंटमेंट की जरूरत नहीं है। वे जब चाहे मुझे मिल सकते हैं।

इससे पहले ले जनरल (सेनि) ओपी कौशिक ने कहा कि मैं कारगिल से भावनात्मक रूप से जुडा हूं। मैं वहां रहा, मेरे बेटे ने वहां सेवा दी और अब मेरा पोता वहां तैनात है। कहा कि शहीदों का ये बलिदान सदियों तक समाज को प्रेरणा देता रहेगा।

वहीं, विधायक गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है। आजादी से पहले और आजादी के बाद भी जब कभी देश पर विपदा आई उत्तराखंडी वीर अग्रणी भूमिका में रहे। जब कभी कोई सैनिक शहीद होता है तो कुछ दिन तक लोग उसके घर जाते हैं, लेकिन बाद में उधर कोई नहीं झांकता। शहीद के परिवार के लिए बाकी जिंदगी मुश्किलों भारी होती है। ऐसे में राज्य सरकार ने यह व्यवस्था की है कि शहीद के परिवार के किसी एक व्यक्ति को योग्यता अनुसार नौकरी देंगे।

सीएम की प्रमुख घोषणाएं

  • सैनिकों/पूर्व सैनिकों को सीएम से मुलाकात के लिये नहीं लेना होगा अपाइंटमेंट।
  • सचिवालय में एंट्री के लिये सैनिकों-पूर्व सैनिकों को प्रवेश पत्र जरूरी नहीं।
  • सेना की आधिकृत आइडी पर मिलेगा प्रवेश।
  • सैनिकों/पूर्व सैनिकों की समस्याओं के निस्तारण के लिये अपर मुख्य सचिव नोडल अधिकारी।
  • सहस्रधारा रोड पर 75 बीघा भूमि पर बनेगा शौर्य स्थल,भूमि चयनित।
  • डिजिटल फार्मेट में अंकित होंगे अब तक के सभी युद्ध/आपरेशन में शहीद व घायल सैनिकों के नाम।
  • शौर्य स्थल पर सैनिक आश्रितों के लिये व्यवसायिक कोर्स भी।

मसूरी में आइटीबीपी ने निकाली रैली

मसूरी में 20 वें कारगिल विजय दिवस के मौके पर आइटीबीपी की ओर से रैली का आयोजन किया गया। रैली गांधी चौक, लाइब्रेरी बाजार से मॉल रोड, शहीद स्थल, पोस्ट आफिस, स्टेट बैंक चौक, रेलवे आउट एजेंसी, शहीद स्थल, मॉल रोड होते हुए गांधी चौक में समाप्त हुई। इस मौके पर सेनानी प्रशासन परमिंदर सिंह सहित अनेक अधिकारी और अधीनस्थ अधिकारी उपस्थित रहे।

टिहरी में स्कूली बच्चों ने प्रस्‍तुत किए देशभक्ति कार्यक्रम 

टिहरी में कारगिल विजय दिवस पर जनपद में विभिन्‍न कार्यक्रम आयोजित किए गए। नई टिहरी स्थित कुलणा मार्केट के समीप युद्ध स्मारक स्थल पर जिलाधिकारी डॉ वी षणमुगम ने शहीदों के चित्रों पर पुष्पच्रक अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक देशभक्ति कार्यक्रम प्रस्तुत किये।

प्रोजेक्टर के माध्यम से कारगिल युद्ध की झलकियों को  दिखाया 

हरिद्वार में जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी कार्यालय में कारगिल युद्ध में शहीद जवानों की याद में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी, एसडीएम कुश्म चौहान आदि की मौजूदगी में उनकी वीर गाथा को याद किया गया। प्रोजेक्टर के माध्यम से कारगिल युद्ध की झलकियों को दिखाया गया।

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