तंगहाली में कोरोनेशन अस्पताल, उधार का खाना खा रहे मरीज Dehradun News
दून शहर के दूसरे प्रमुख चिकित्सालय कोरोनेशन अस्पताल में मरीजों की थाली में उधार का निवाला परोसा जा रहा है।
देहरादून, जेएनएन। शहर के दूसरे प्रमुख चिकित्सालय कोरोनेशन अस्पताल में मरीजों की थाली में उधार का निवाला परोसा जा रहा है। इन पर खाने का तकरीबन बीस लाख रुपये से अधिक का बकाया है। तंगहाली में कैंटीन संचालक के भी पसीने छूट रहे हैं। जिस तरह की परिस्थितियां हैं, खाने पर कभी भी ब्रेक लग सकता है।
राज्य के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को हर रोज खाना उपलब्ध कराया जाता है। यह व्यवस्था ठेके पर चलती है। व्यवस्था अच्छी है पर चल ‘उधारी’ पर रही है। नियमानुसार कैंटीन संचालक को तय अवधि में और नियमित भुगतान होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। सीमित बजट होने के कारण अस्पताल हाथ रोककर भुगतान करते हैं, वह भी तय वक्त पर नहीं होता। हाल का ही उदाहरण लीजिए, कोरोनेशन अस्पताल पर खाने का बीस लाख रुपये से अधिक का बकाया है।
भुगतान की बानगी देखिए, कैंटीन संचालक को 17 माह पहले भुगतान किया गया था। इसके बाद से अब तक एक पाई नहीं मिली। तंगहाली में कैंटीन संचालक को आगे का राशन आदि खरीदने में भी दिक्कत आ रही है। वह भुगतान के लिए लगातार अफसरों के चक्कर काट रहा है। भुगतान न होने से व्यवस्था बनाए रखने में उनके गले-गले आ रही है। स्थिति यह है कि व्यवस्था कभी भी लड़खड़ा सकती है और मरीजों के खाने पर संकट आ सकता है। अस्पताल के सीएमएस डॉ. बीसी रमोला ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है।
तमाम तरह की दिक्कतें
अस्पताल को पिछले लंबे समय से बजट ही नहीं मिला है। जिससे न केवल कैंटीन बल्कि अन्य व्यवस्थाएं बनाने में भी दिक्कत आ रही है। यूजर चार्ज में अस्पताल को जो हिस्सेदारी मिलती है वह भी नाकाफी साबित हो रही है। अस्पताल प्रशासन बजट की प्रत्याशा में तमाम खरीद कर रहा है, पर कई फर्म देनदारी बढ़ने के कारण इसमें भी आनाकानी कर रही है।
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