Uttarakhand Politics: भाजपा में दिग्गजों के बीच विवाद से कन्नी काट रहा पार्टी संगठन
उत्तराखंड में भाजपा विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में उतर चुकी है। लेकिन विधायकों और कार्यकर्त्ताओं की रार से पार्टी को परेशानी हो रही थी। अब दो बड़े नेताओं के बीच छिड़ी जंग ने और परेशानी बढ़ा दी हैं। लेकिन पार्टी संगठन कुछ भी कहने से बच रहा है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Politics विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में उतर चुकी भाजपा के लिए पार्टी विधायकों व कार्यकर्त्ताओं के बीच रार की खबरें पहले ही परेशानी का सबब बनी थीं और अब दो दिग्गजों पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह के बीच छिड़ी जुबानी जंग ने दिक्कत और बढ़ा दी है। हालांकि, दोनों दिग्गजों के बीच विवाद के मामले में पार्टी संगठन एक प्रकार से कन्नी काट रहा है। इस बारे में पार्टी के प्रांतीय पदाधिकारी कुछ भी कहने से निरंतर बच रहे हैं।
हाल में रायपुर क्षेत्र के विधायक उमेश शर्मा काऊ व कार्यकर्त्ताओं के मध्य सार्वजनिक रूप से हुए विवाद ने पार्टी को असहज किया तो भाजपा नेतृत्व ने इस प्रकरण पर जांच बैठा दी। इसी तरह रुड़की में हुए विवाद का भी पार्टी ने संज्ञान लिया तो ऋषिकेश, पौड़ी में पदाधिकारियों को नोटिस भेजकर यह संदेश देने का प्रयास किया कि अनुशासनहीनता को किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अब जबकि पार्टी पूरी तरह चुनावी मोड में आ गई है तो ढैंचा बीज मामले में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत व पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच शुरू हुई जुबानी जंग ने नई मुश्किलें खड़ी कर दीं। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह ने पूर्व में मीडिया में कहा कि कांग्रेस शासनकाल में कृषि मंत्री रहते हुए उन्होंने त्रिवेंद्र सिंह रावत को जेल जाने से बचाया था। ढैंचा बीज मामला तब का है, जब पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में त्रिवेंद्र कृषि मंत्री थे।
इस बीच बीते रोज ही भाजपा नेतृत्व ने कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत से प्रदेश भाजपा कार्यालय में बातचीत की थी। उधर, बीते रोज ही पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पर पलटवार किया था। वह यह भी कह गए कि गधा जो होता है, वह ढैंचा-ढैंचा करता है। अब प्रदेश भाजपा के लिए यह मामला गले की फांस बन गया है। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार दो दिग्गजों के बीच की यह जुबानी जंग खुद ही समाप्त हो जाएगी। इसका क्या संज्ञान लिया जाना है।
यह भी पढ़ें:- चारधाम पर कांग्रेस ने थपथपाई अपनी पीठ, गणेश गोदियाल ने कहा- रंग लाई कांग्रेस की कोशिश