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ऋषिकेश में बाईपास मार्ग पर मालवाहक वाहनों की पार्किंग, बना रहता है दुर्घटना का खतरा

शहर में यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने और जाम की स्थिति से बचने के लिए शहरों के बाहर बाईपास मार्ग बनाए जाते हैं। मगर जब बाईपास मार्ग का इस्तेमाल ट्रैफिक के बजाय वाहनों की पार्किंग के लिए होने लगे तो शहर में जाम की स्थिति समझी जा सकती है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 03:10 PM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 03:10 PM (IST)
ऋषिकेश में बाईपास मार्ग पर मालवाहक वाहनों की पार्किंग, बना रहता है दुर्घटना का खतरा
ऋषिकेश में नटराज चौक से श्यामपुर तक बाईपास मार्ग इस तरह खड़े रहते हैं माल वाहक वाहन।

ऋषिकेश,  जेएनएन। शहर में यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने और जाम की स्थिति से बचने के लिए शहरों के बाहर बाईपास मार्ग बनाए जाते हैं। मगर, जब बाईपास मार्ग का इस्तेमाल ट्रैफिक के बजाय वाहनों की पार्किंग के लिए होने लगे तो शहर में जाम की स्थिति समझी जा सकती है। ऋषिकेश में नटराज चौक से श्यामपुर तक हरिद्वार मार्ग को जोड़ने वाले बाईपास मार्ग की हालत को देखकर तो यही लगता है। यह मार्ग भारी माल वाहक वाहनों की पार्किंग के कारण परेशानी का सबब बना हुआ है।

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तीर्थनगरी ऋषिकेश में यातायात में सुधार के लिए योजनाएं तो बनी हैं, मगर उन पर सही ढंग से अमल नहीं किया जा रहा है। जीरो जोन, नो एंट्री टाइम जैसी योजनाएं फाइलों में कैद है। जिससे पूरा शहर वर्ष भर यातायात की समस्या से जूझता रहता है। यात्रा व पर्यटन काल में तो यह समस्या और भी गहरा जाती है। शहर के भीतर ही नहीं, बल्कि बाहरी क्षेत्रों में भी जिम्मेदार पुलिस, ट्रैफिक पुलिस व प्रशासन व्यवस्थाएं सुधारने की जहमत नहीं उठा रहे। नटराज चौक से श्यामपुर तक हरिद्वार हाईवे का विकल्प बाईपास मार्ग भी ऐसी ही अव्यवस्था का शिकार है।

यहां तहसील चौक से आगे एआरटीओ कार्यालय तक के करीब दो किलोमीटर क्षेत्र में मालवाहक वाहनों की पार्किंग रहती है। यहां एफसीआइ, मनेरी भाली, टीएचडीसी व सीमेंट यार्ड हैं। बाहर से इन यार्ड का सामान लेकर आने वाले दर्जनों मालवाहक वाहन यहां कई-कई दिनों तक सड़क किनारे ही पार्क रहते हैं। जिससे सड़क के कच्चे हिस्से से लेकर सड़क तक इन वाहनों का कब्जा रहता है। सड़क किनारे वाहनों की कतार के चलते जहां यातायात प्रभावित होता है, वहीं आये दिन दुर्घटनाओं का खतरा भी बना रहता है। विगत दिनों रात के समय सड़क किनारे खड़े ट्रकों से भिड़कर दुपहिया व चौपहिया सवार चोटिल हो चुके हैं। 

चंद्रभागा नदी बन सकती है विकल्प

पुलिस व प्रशासन चाहे तो बाईपास मार्ग पर पार्क होने वाले मालवाहक वाहनों को यहां से हटाया जा सकता है। इसके लिए सबसे अच्छा विकल्प चंद्रभागा नदी है। सिर्फ मानसून काल में ही चंद्रभागा नदी में पानी रहता है जबकि सर्दियों व गर्मियों में चंद्रभागा नदी पूरी तरह से सूख जाती है। नटराज चौक से आगे ढालवाला पुल के समीप चंद्रभागा नदी में सैकड़ों वाहनों की पार्किंग की जा सकती है। मगर, जिम्मेदार अधिकारियों की बिना इच्छाशक्ति के यह संभव नहीं है।

रितेश शाह (प्रभरी निरीक्षक, कोतवाली ऋषिकेश) ने कहा कि बाईपास मार्ग पर मालवाहक वाहनों की पार्किंग के कारण हादसों का खतरा बना रहता है। कई बार हम यहां से वाहनों की पार्किंग को हटा भी चुके हैं। मगर, इसके लिए स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक कर समस्या का स्थाई हल निकालने की कोशिश की जाएगी। 

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