Indian Military Academy: भारतीय सैन्य अकादमी की पीओपी में इस बार शामिल हो सकेंगे अभिभावक
Indian Military Academy भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) की पासिंग आउट परेड 12 दिसंबर को होगी। कोरोना के कारण इस बार भी आयोजन सादगी के साथ होगा। बीते वर्षों की तुलना में तमाम गतिविधियां सीमित रखी जाएंगी। साथ ही कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत अन्य नियमों का पालन किया जाएगा।
देहरादून, जेएनएन। Indian Military Academy भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) की पासिंग आउट परेड 12 दिसंबर को होगी। कोरोना के कारण इस बार भी आयोजन सादगी के साथ होगा। बीते वर्षों की तुलना में तमाम गतिविधियां सीमित रखी जाएंगी। साथ ही कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत शारीरिक दूरी, मास्क सहित तमाम अन्य नियमों का पालन किया जाएगा। पिछली बार परेड में अभिभावक शामिल नहीं हुए थे, पर इस बार प्रत्येक कैडेट के साथ दो लोग को आने की अनुमति होगी। हालांकि उन्हें कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट साथ लानी होगी।
दून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी में न केवल देश, बल्कि विदेश के भी जेंटलमैन कैडेट को प्रशिक्षण दिया जाता है। स्थापना से लेकर अब तक अकादमी देश-विदेश की सेनाओं को साढ़े 62 हजार से अधिक अफसर दे चुकी है। इनमें मित्र देशों के ढाई हजार युवा अफसर भी शामिल हैं। परेड में न केवल कैडेटों के परिवार के लोग, बल्कि देश-विदेश से भी कई गणमान्य अतिथि शिरकत करते हैं। पिछली दफा कैडेटों के अभिभावक और नाते-रिश्तेदार परेड में शामिल नहीं हुए थे और युवा अधिकारियों को पीओपी के तुरंत बाद सीधा बटालियन में भेजा गया था।
आइएमए प्रशासन ने बताया कि कोरोना को देखते हुए भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षण पाने वाले भारतीय और विदेशी कैडेटों के स्वास्थ्य का विशेष रूप से ख्याल रखा जा रहा है।
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कोविड-19 के लिहाज से जरूरी एहतियात बरतते हुए प्रशिक्षण में किसी तरह का कोई व्यवधान नहीं आने दिया जा रहा है। अकादमी की जनसंपर्क अधिकारी ले. कर्नल हिमानी पंत के अनुसार, पासिंग आउट परेड न केवल कैडेट, बल्कि उनके अभिभावकों के लिए भी एक यादगार क्षण होता है। किसी भी माता-पिता के लिए यह अवसर गौरान्वित करने वाला है और अपने बच्चे को सैन्य अफसर बनते देखना उनके लिए एक सुखद अनुभूति होती है। ऐसे में तय नियमों के तहत अभिभावक परेड में शामिल हो पाएंगे।
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