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तेंदुए से भिड़ने वाले पंकज को पीएम मोदी का सलाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छोटी उम्र में गुलदार से भिड़ने वाले टिहरी के पंकज सेमवाल को दूसरा श्रवण कुमार भी कहते हुए राष्ट्रीय वीरता सम्मान

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 24 Jan 2018 09:03 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jan 2018 08:24 PM (IST)
तेंदुए से भिड़ने वाले पंकज को पीएम मोदी का सलाम
तेंदुए से भिड़ने वाले पंकज को पीएम मोदी का सलाम

देहरादून, [जेएनएन]: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छोटी उम्र में तेंदुए से भिड़ने वाले टिहरी के पंकज सेमवाल को असाधारण बालक बताया है। उन्होंने मां की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह न करने के लिए पंकज को दूसरा श्रवण कुमार भी कहा। प्रधानमंत्री ने पंकज को देश का सर्वोच्च बाल सम्मान "राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार" प्रदान किया। इस दौरान हर कोई उत्तराखंडवासी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा था। प्रधानमंत्री से मुलाकात से एक दिन पूर्व पंकज ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी विशेष भेंट की।               

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राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चयनित टिहरी के पंकज सेमवाल समेत सभी वीर बच्चों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास में मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी ने इन सभी बच्चों से व्यक्तिगत बातचीत की। प्रधानमंत्री को जब पंकज सेमवाल की वीरता का परिचय दिया गया तो वे बेहद प्रभावित हुए। 

उत्तराखंड बाल कल्याण परिषद के संयुक्त सचिव केपी भट्ट ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने पंकज की प्रशंसा करते हुए कहा कि छोटी उम्र में गुलदार से भिड़ने का मजबूत हौसला असाधारण है। कहा कि अपनी मां व भाई-बहन को बचाने के लिए पंकज ने अपने प्राणों की चिंता नहीं की। यह सभी बच्चों के लिए मातृभक्ति की मिसाल बनेगा। 

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंकज समेत सभी वीर बच्चों को राष्ट्रीय वीरता मेडल पहनाया और 20 हजार रूपये का चैक व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। अब 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर होने वाली परेड में सभी वीर बच्चों को शामिल होने का मौका मिलेगा।                                                            

इससे पहले मंगलवार को पंकज समेत सभी वीर बच्चों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राष्ट्रपति भवन में भी विशेष भेंट की थी। वहीं, इससे पूर्व दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, थलसेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत समेत कई अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों से मुलाकात कर चुके हैं।                                               

गौरतलब है कि 10 जुलाई 2016 की रात पंकज की मां बिमला देवी घर के आंगन में काम कर रही थी। उस समय पंकज, छोटा भाई और बहन भी वहीं मौजूद थे। इस दौरान आंगन में घात लगाए बैठे गुलदार ने मौका देख पंकज की मां पर हमला कर दिया। मां की चीख सुन पंकच वहां दौड़ा चला आया और बिना डरे तेंदुए पर टूट पड़ा। पकंज ने गुलदार का डटकर सामना किया। जिसके बाद तेंदुए बिमला देवी को छोड़कर भाग गया।

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