पंडवार्त नृत्य के साथ बोल बर्बरीक बोल नाटक का किया गया मंचन
पांडव नृत्य एवं समकालीन पांडवी लोक नाट्य समारोह में पंडवार्त नृत्य के साथ बोल बर्बरीक बोल नाटकी का मंचन किया गया।
ऋषिकेश, जेएनएन। उत्तराखंड लोक संस्कृति संरक्षण समिति की ओर से आयोजित पांडव नृत्य एवं समकालीन पांडवी लोक नाट्य समारोह में पंडवार्त नृत्य के साथ बोल बर्बरीक बोल नाटकी का मंचन किया गया। श्रद्धालुओं ने नाटक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुत्फ उठाया।
चौदह बीघा स्थित नया पुल के समीप मैदान में पांडव नृत्य व नाट्य मंचन का उद्घाटन मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, नगर पंचायत अध्यक्ष माधव अग्रवाल, गंगा सुरक्षा एवं पर्यावरण सुरक्षा समिति के संरक्षक चंद्रवीर पोखरियाल, बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक एसएस कोठियाल व समिति के अध्यक्ष आशाराम व्यास ने किया।
मुख्य अतिथि ने कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति बेहद समृद्ध है। इस समृद्ध संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए उत्तराखंड लोक संस्कृति संरक्षण समिति की यह पहल सराहनीय है। इस अवसर पर पांडव नृत्य के साथ बोल बर्बरीक बोल नाटिका की शानदार प्रस्तुति कलाकारों ने दी। बर्बरीक महाभारत काल का सबसे महानतम योद्धा माना जाता था, जो भीम पुत्र घटोत्कक्ष का पुत्र था।
भगवान श्रीकृष्ण ने बर्बरीक की भक्ति की परीक्षा ली और महाभारत युद्ध से पहले ही बर्बरीक ने पांडवों की जीत के लिए बलिदान दे दिया। बलिदान के बाद भी बर्बरीक ने पूरे महाभारत का युद्ध अपनी आंखों से देखा और महाभारत के युद्ध में निर्णायक की भूमिका भी निभाई। नाट्य मंचन में इन सभी घटनाओं को बेहद खूबसूरती के साथ दर्शाया गया। कमल रावत के लिखे नाटक का राकेश भट्ट ने निर्देशन किया।
जिसमें हरीश पुरी ने बर्बरीक, मुकेश नेगी ने कृष्ण, शिशुपाल रावत ने अर्जुन, शशिकांत रावत ने पश्वा, सरस्वती धीर्वाण ने कुंती, लक्ष्मण नेगी ने नकुल, मिलन रावत ने सहदेव, रीता भंडारी ने मोहनी, नागेंद्र ने भीम का शानदार अभिनय किया। इस अवसर पर रोशनी राणा, महामंत्री विशालमणी पैन्यूली, सुनील थपलियाल, रवि शास्त्री, बीना जोशी, धनीराम बिंजोला, दिनेश डबराल, नरेंद्र मैठाणी, सुरेंद्र भंडारी, भगवती रतूड़ी, चंद्रमोहन भट्ट, टीकाराम पुरवाल, भरतमणी कुड़ियाल आदि उपस्थित थे।
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