पंचायत प्रतिनिधियों को मिला नया अनुभव, विभाग के पैसे की भी हुई बचत
दूरदर्शन के माध्यम से विभाग ने पंचायत से जुड़े 29 विषयों पर पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही विभागीय पोर्टल और सोशल मीडिया पर दूरदर्शन पर हुए प्रशिक्षण से संबंधित प्रसारणों के ऑडियो-वीडियो अपलोड किए गए हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना संकट ने भले ही तमाम दुश्वारियां खड़ी की हुई हों, मगर इसने हर किसी को नए सिरे से सोचने-समझने का अवसर भी दिया है। उत्तराखंड का पंचायतीराज विभाग भी इससे अछूता नहीं है। राज्य में त्रिस्तरीय पंचायतों (ग्राम, क्षेत्र और जिला) के नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए होने वाले पंचायतों से संबंधित प्रशिक्षण की राह में कोरोना संकट बाधक बना तो विभाग ने डिजिटल माध्यम से इसका तोड़ निकाला। साथ ही सहारा लिया दूरदर्शन का, जिसकी पहुंच दूरस्थ इलाकों तक है।
दूरदर्शन के माध्यम से विभाग ने पंचायत से जुड़े 29 विषयों पर पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही विभागीय पोर्टल और सोशल मीडिया पर दूरदर्शन पर हुए प्रशिक्षण से संबंधित प्रसारणों के ऑडियो-वीडियो अपलोड किए गए हैं। यानी, जब भी किसी पंचायत प्रतिनिधि को किसी मसले पर जानकारी लेनी होगी तो वह तुरंत विभागीय पोर्टल को खोलकर इसे प्राप्त कर सकेगा। इससे जहां पंचायत प्रतिनिधियों को सुविधा मिली है, वहीं विभाग के पैसे की बचत भी हुई है।
दरअसल, उत्तराखंड में हरिद्वार जिले को छोड़कर शेष अन्य 12 जिलों में पिछले साल त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हुए। तय व्यवस्था के अनुसार नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को पंचायतों के कामकाज के साथ ही विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण दिए जाने का प्रविधान है। यह प्रशिक्षण ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायतों के प्रतिनिधियों के लिए अलग-अलग आयोजित किए जाते हैं। इसे देखते हुए मार्च में प्रशिक्षण की तैयारी थी, मगर ऐन वक्त पर कोराना संकट ने इस राह में अड़ंगा डाल दिया। हालांकि, अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने पर सुरक्षित शारीरिक दूरी समेत अन्य मानकों का अनुपालन करते हुए प्रशिक्षण के लिए व्यवस्था बनाई गई।
तहसील, जिला पंचायत व ब्लाक मुख्यालयों से पंचायत प्रतिनिधियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई, मगर कई स्थानों पर कनेक्टिविटी की दिक्कत खड़ी हो गई। इसे देखते हुए विचार मंथन के बाद तरीका ढूंढा गया और फिर विभाग ने पंचायतों से जुड़े 29 विषयों पर विषय विशेषज्ञों के माध्यम से ऑडियो-वीडियो मॉडयूल तैयार कराए। फिर दूरदर्शन से पंचायत प्रतिनिधियों के लिए इनके प्रसारण की व्यवस्था कराई गई और यह प्रयोग सफल भी रहा।
पंचायतीराज सचिव एचसी सेमवाल के अनुसार दूरदर्शन की पहुंच सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों तक है। ऐसे में विद्यार्थियों के दूरदर्शन पर चल रही कक्षाओं की तरह पंचायत प्रतिनिधियों के लिए भी दूरदर्शन पर प्रशिक्षण कक्षाओं का प्रसारण कराया गया। इसके माध्यम से जहां पंचायत प्रतिनिधियों को उनके कार्य, दायित्वों के बारे में जानकारी दी गई, वहीं उन्हें ग्राम पंचायत की विकास योजना तैयार करने, विभिन्न विभागों की योजनाएं और उनका सहयोग लेने समेत विविध विषयों पर जानकारी साझा की गई। बड़ी संख्या में पंचायत प्रतिनिधियों ने इस प्रसारण का लाभ उठाया।
सचिव सेमवाल बताते हैं कि विभाग के पोर्टल पर भी इन प्रसारणों से संबंधित ऑडियो-वीडियो मौजूद हैं। इन्हें सोशल मीडिया पर भी अपलोड किया गया है। अब पंचायत प्रतिनिधि अपनी सुविधानुसार कभी भी किसी भी विषय से संबंधित जानकारी हासिल कर सकते हैं। उन्होंने ये भी बताया कि इस पहल पर खर्च भी काफी कम आया और पंचायत प्रतिनिधियों को भी सुविधा मिली। अब पंचायत प्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारियों का निर्वह्न और अधिक कार्यकुशलता के साथ कर सकेंगे।
यह भी पढ़ें: यहां ग्राम प्रधानों की लगेगी अनोखी क्लास, दूरदर्शन पढ़ाएगा पंचायत का पाठ; जानिए