एसआइटी नहीं, पंचायत राज खुद करेगा घोटाले की जांच
पंचायती राज विभाग में आपदा राहत कार्यो में घोटाले की जांच अब स्वयं विभाग ही करेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के अनुमोदन के बाद गृह विभाग ने पंचायती राज को घोटाले की जांच संबंधी फाइल वापस लौटा दी है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: पंचायती राज विभाग में आपदा राहत कार्यो में घोटाले की जांच अब स्वयं विभाग ही करेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के अनुमोदन के बाद गृह विभाग ने पंचायती राज को घोटाले की जांच संबंधी फाइल वापस लौटा दी है। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि पंचायती राज एक्ट में दिए गए प्रावधान के तहत मामले की जांच की जांच की जा सकती है। इसमें अभी एसआइटी की जरूरत नहीं है।
पंचायती राज में घोटाले का मामला कुछ समय पहले पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडेय की अध्यक्षता में हुई एक समीक्षा बैठक के दौरान सामने आया था। बैठक में बताया गया कि 14 वें वित्त आयोग की तहत जारी आर्थिक सहायता से उत्तरकाशी में आपदा राहत सामग्री की खरीद में बड़े घोटाले की बात सामने आई है। प्रारंभिक जांच में यह पता चला कि आपदा प्रबंधन किट, स्ट्रीट लाइटें व राहत सामग्री कहीं अधिक कीमतों पर खरीदी गई हैं। इस पर विभागीय मंत्री ने मामले की एसआइटी जांच कराने की संस्तुति की थी। पंचायती राज विभाग द्वारा मामले की संस्तुति भेजे जाने के बाद गृह विभाग ने इस पत्रावली पर अपने सुझाव भी शामिल किए। इसमें गृह विभाग ने एसआइटी की पहले विभागीय जांच की बात कही थी। इसके बाद यह पत्रावली मुख्य सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजी गई। अब दोनों स्तर से इसका अनुमोदन मिलने के बाद गृह विभाग ने यह पत्रावली वापस पंचायती राज विभाग को भेज दी है। इसमें गृह विभाग ने कहा गया है कि अभी केवल एक ही जिले की बात सामने आई है। ऐसे में बेहतर होगा कि विभाग पहले पंचायती राज एक्ट में शामिल प्रावधान के तहत इसकी जांच अपने स्तर से करा ले। इसके बाद यदि कहीं विशेष अनियमितता का जिक्र होता है या फिर आपराधिक कृत्य की पुष्टि होती है तो इसे उठाते हुए इसकी प्राथमिक सूचना पुलिस में दर्ज करे। विभागीय जांच के बाद जरूरत पड़ने पर एसआइटी जांच कराई जा सकती है।
प्रमुख सचिव गृह आनंद वर्द्धन ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि मामले में उच्च स्तर से मिले अनुमोदन के बाद विभागीय जांच की संस्तुति करते हुए पत्रावली विभाग को वापस भेज दी गई है।