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उत्तराखंड: हरिद्वार में आगे खिसक सकते हैं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, जानिए वजह

हरिद्वार जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव आगे खिसक सकते हैं। जिले में एक नगर निकाय के उच्चीकरण के अलावा चार नए नगर निकायों के गठन के मद्देनजर चल रही कसरत को देखते हुए फिलहाल क्षेत्र व जिला पंचायत निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन का काम रोक दिया गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 02:54 PM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 02:54 PM (IST)
उत्तराखंड: हरिद्वार में आगे खिसक सकते हैं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, जानिए वजह
हरिद्वार में आगे खिसक सकते हैं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। हरिद्वार जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (ग्राम, क्षेत्र व जिला) आगे खिसक सकते हैं। जिले में एक नगर निकाय के उच्चीकरण के अलावा चार नए नगर निकायों के गठन के मद्देनजर चल रही कसरत को देखते हुए फिलहाल क्षेत्र व जिला पंचायत निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन का काम रोक दिया गया है। माना जा रहा कि नए निकायों के गठन एवं उच्चीकरण में करीब एक माह का वक्त लग सकता है। ऐसे में जिले में पंचायत चुनाव अगले साल मार्च से आगे खिसकने की संभावना प्रबल हो गई है।

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हरिद्वार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अगले वर्ष होने हैं। वहां की 306 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 31 मार्च 2021 को खत्म हो रहा है, जबकि छह क्षेत्र पंचायतों व जिला पंचायत का कार्यकाल अप्रैल पहले हफ्ते में। इसे देखते हुए पंचायतीराज विभाग की ओर से चुनाव के मद्देनजर हरिद्वार जिले में त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन शुरू किया गया।

ग्राम पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि नौ नवंबर से क्षेत्र व जिला पंचायतों का परिसीमन प्रस्तावित था। इस बीच छह नवंबर को शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य में नौ नगर निकायों के गठन के साथ ही कुछ निकायों के उच्चीकरण का फैसला लिया गया। इसके तहत हरिद्वार जिले में नगर पंचायत भगवानपुर का उच्चीकरण किया जाना है, जबकि इमलीखेड़ा, रामपुर, पाडलीगुर्जर व ढंडेरा को नगर पंचायत बनाए जाने का प्रस्ताव है। 

जाहिर है नए निकायों के गठन और उच्चीकरण में कुछ गांवों को इनमें शामिल किया जा सकता है। इस सबको देखते हुए पंचायतीराज विभाग ने हरिद्वार जिले में क्षेत्र व जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन का काम फिलहाल रोक दिया है। बताया गया कि शहरी विकास विभाग ने जिले में नए निकायों के गठन और उच्चीकरण के मामलों में कम से कम एक माह का वक्त लगने की संभावना जताई है। जाहिर है कि इससे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए परिसीमन के साथ ही अन्य प्रक्रियाएं भी आगे खिसकेंगी। ऐसे में पंचायत चुनाव निर्धारित समय पर हो पाएंगे, इसमें संदेह है। 

पंचायतीराज एक्ट के मुताबिक पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने से 15 दिन पहले चुनाव कराने आवश्यक हैं। हालांकि, विशेष परिस्थितियों में इसे आगे भी खिसकाया जा सकता है। हरिद्वार में जो परिस्थितियां बन रही हैं, वे इस तरफ इशारा कर रही हैं कि मार्च-अप्रैल में पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने के बाद वहां प्रशासक बैठाए जा सकते हैं। यानी, चुनाव अपै्रल के बाद होंगे। हालांकि, चुनाव कब होंगे, इसका फैसला सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को करना है, जिन पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।

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