आरोपित धूलिया बंधुओं के पैन कार्ड खोलेंगे कई राज, पढ़िए पूरी खबर
करोड़ों रुपये डकार कर भूमिगत धूलिया बंधु पर शिकंजा कसने में जुटी पुलिस ने अब आयकर विभाग से दोनों के पैन कार्ड का ब्योरा मांगा है।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में नौकरी के नाम पर सौ से अधिक लोगों के करोड़ों रुपये डकार कर भूमिगत धूलिया बंधु पर शिकंजा कसने में जुटी पुलिस ने अब आयकर विभाग से दोनों के पैन कार्ड का ब्योरा मांगा है। पुलिस का मानना है कि इससे धूलिया बंधुओं के द्वारा किए गए बड़े लेनदेन का पता चलेगा और फिर वैधता की जांच कर उनके आय के अन्य स्रोतों की भी जानकारी मिलेगी।
आरोपित धूलिया बंधुओं पर बीते शुक्रवार को नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके कई दिन पहले से दोनों भाइयों के मोबाइल स्विच ऑफ हैं और परिजन भी देहरादून से बाहर जा चुके हैं। उनके घर और आफिस पर ताला लटका हुआ है। मामले की विवेचना कर रही नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस अब तक दोनों के लोकेशन ट्रेस नहीं कर पाई है। वहीं, धूलिया बंधुओं ने जिन लोगों से करोड़ों रुपये ऐंठ रखे हैं, उनमें हड़कंप की स्थिति है। उन्हें अब अपना पैसा डूबता दिख रहा है। इंस्पेक्टर राजेश शाह ने बताया कि मृणाल धूलिया और नीरज धूलिया के पैन कार्ड के बारे में आयकर विभाग से ब्योरा मांगा गया है। मोबाइल स्विच ऑफ होने के कारण लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है।
ऊंची है धूलिया बंधुओं की पहुंच
धूलिया बंधुओं के फेसबुक अकाउंट पर गौर करें तो कई बड़े नेताओं के साथ दोनों ने फोटो या सेल्फी ले रखी है। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों की पहुंच सियासी गलियारे तक भी है। माना यह भी जा रहा है कि दोनों की गिरफ्तारी न होने के पीछे कहीं उसकी राजनीतिक पहुंच तो नहीं। मगर इंस्पेक्टर राजेश शाह ने कहा कि दोनों की तलाश के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं, जल्द ही दोनों की गिरफ्तारी होगी।
अब विवि प्रशासन ने भी शुरू की जांच
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में नर्सिंग भर्ती का रिजल्ट अटक गया है। नियुक्ति के नाम पर वसूली का खेल सामने आने के बाद अब विवि प्रशासन अपने स्तर पर प्रकरण की जांच करेगा। बताया गया कि पुलिस में दर्ज मुकदमे के अलावा विवि को भी इस मामले में कई शिकायतें मिली हैं। ऐसे में परिणाम घोषित करने से पहले विवि यह सुनिश्चित करना चाहता है कि भर्तियों में किसी तरह की मिलीभगत या लेनदेन नहीं हुआ।
दरअसल, आयुर्वेद विवि में नर्सिंग के 30 पदों पर भर्ती होनी है। तत्कालीन कुलसचिव डॉ. मृत्युंजय मिश्रा के समय इस पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसी दौरान, मृणाल धूलिया कई युवाओं के संपर्क में था। आरोप है उसने एक पद पर नियुक्ति के लिए युवाओं से पांच से सात लाख रुपये लिए। एक पीड़ित ने बताया कि धूलिया ने उन्हें कहा था कि वह मिश्रा के करीबी हैं। इसलिए वह उन्हें आसानी से नियुक्ति दिला देंगे। इसी दौरान, मिश्रा को आयुर्वेद विवि से हटा दिया गया। इसके बाद उन लोगों ने धूलिया से अपने पैसे मांगे, पर वह पैसे देने में आनाकानी करता रहा।
यह मामला सामने आने के बाद विवि प्रशासन अब फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। नर्सिंग व अन्य गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती का परिणाम घोषित करने से पहले अधिकारी पूरी तसल्ली कर लेना चाहते हैं। प्रभारी कुलसचिव डॉ. राजेश कुमार का कहना है कि उक्त प्रकरण सामने आने के बाद विवि इसे लेकर गंभीरता बरत रहा है। कुछ शिकायतें उन्हें भी मिली हैं। जिसकी जांच कराई जा रही है। विवि प्रशासन की मंशा है कि इसमें किसी भी स्तर पर चूक न रहे। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि परिणाम में ज्यादा देरी नहीं की जाएगी। अगले एक पखवाड़े में रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा।
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