पाकिस्तान से आए श्रद्धालुओं को हेमकुंड जाने से रोका, ये है वजह
पाकिस्तान से मसूरी पहुंचे यात्रियों को हेमकुंड साहिब जाने से रोक दिया गया। जिसके बाद यात्रियों केंद्र सरकार से गुहार लगार्इ है।
मसूरी, [जेएनएन]: पाकिस्तान से आए हिंदू और सिख तीर्थयात्रियों ने केंद्र सरकार से दिल्ली, अमृतसर, हरिद्वार और हेमकुंड साहिब जाने की अनुमति देने की गुहार लगाई है। मसूरी पहुंचे इन तीर्थयात्रियों ने कहा कि उनके पास वीजा होने के बावजूद अफसर अनुमति नहीं दे रहे हैं। दूसरी ओर ऋषिकेश के पुलिस क्षेत्राधिकारी बीएस रावत ने बताया कि जत्थे के पास सिर्फ टूरिस्ट वीजा है। हेमकुंड साहिब चीन सीमा पर स्थित है, सुरक्षा के मद्देनजर यहां के लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता पड़ती है। भारत सरकार से ही विशेष अनुमति मिल सकती है।
दरअल, गुरुवार को पाकिस्तान से आए 100 तीर्थ यात्रियों का जत्था गांधी चौक गुरुद्वारा पहुंचा। दल में करीब तीन दर्जन महिलाएं भी शामिल हैं। इनमें से अधिकतर सिंध और बलूचिस्तान के रहने वाले हैं। पत्रकारों से बातचीत में श्रद्धालुओं का दर्द छलक उठा। बलूचिस्तान से आए रोशन लाल ने बताया कि हम 25 दिनों की यात्रा पर भारत आए हैं। वह बोले हम यहां तीर्थो के दर्शनों के लिए आए हुए हैं, लेकिन अधिकारी जाने नहीं दे रहे। उन्होंने बताया कि वे बाघा बॉर्डर के रास्ते भारत आए और सीधे ऋषिकेश पहुंचे।
जब ऋषिकेश में अधिकारियों ने हेमकुंड साहिब जाने की अनुमति नहीं दी तो वे मसूरी पहुंचे हैं। तीर्थ यात्रियों कहा कि भारत आकर हमें बहुत सम्मान मिला है। उन्होंने कहा कि यहां यह एहसास ही नहीं हुआ कि हम किसी दूसरे मुल्क में हैं। उनका ये भी कहना है कि ईश्वर से यही प्रार्थना है कि दोनों देशों के मध्य दोस्ताना रिश्ते कायम हों, जिससे एक दूसरे के मुल्कों में आवाजाही बढ़ सके।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई कि उन्हें हेमकुंड साहिब के दर्शन की अनुमति दी जाए। दूसरी ओर देहरादून की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवेदिता कुकरेती ने बताया कि नियमानुसार पाकिस्तान से आए श्रद्धालुओं के वीजा में जिन शहरों का उल्लेख होता है, उन्हें वहीं तक जाने की अनुमति दी जाती है।
नई सरकार से उम्मीद, सुधरेंगे रिश्ते
बलूचिस्तान से आए किशोर कुमार ने कहा कि उम्मीद है कि पाकिस्तान की नई सरकार संबंधों को बेहतर करने की दिशा में काम करेगी। सीमा पर अमन कायम होगा और रिश्ते मधुर होंगे।
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