Move to Jagran APP

देश में जैविक एक्ट वाला पहला प्रदेश बनाया उत्तराखंड, पढ़िए पूरी खबर

जैविक कृषि विधेयक-2019 विधानसभा में पारित होने के साथ ही उत्तराखंड जैविक एक्ट लाने वाला देश का पहला प्रदेश बन गया है।

By Edited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 08:35 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 08:27 PM (IST)
देश में जैविक एक्ट वाला पहला प्रदेश बनाया उत्तराखंड, पढ़िए पूरी खबर
देश में जैविक एक्ट वाला पहला प्रदेश बनाया उत्तराखंड, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड को जैविक प्रदेश बनाने की दिशा में सरकार ने अहम कदम बढ़ाया है। जैविक कृषि विधेयक-2019 विधानसभा में पारित होने के साथ ही उत्तराखंड जैविक एक्ट लाने वाला देश का पहला प्रदेश बन गया है। हालांकि, सिक्किम पहला जैविक राज्य है, लेकिन वहां 'एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर इनपुट एंड लाइवस्टॉक फीड रेगुलेटरी एक्ट-2014' के तहत कदम उठाए गए। इस नजरिये से देखें तो किसी राज्य में पहली बार विशुद्ध जैविक कृषि एक्ट लाया गया है। इस विधेयक के अधिनियम बनने के बाद संपूर्ण राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। अभी यहां 10 ब्लाक जैविक घोषित हैं। 

loksabha election banner

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में जैविक कृषि तो सदियों से हो रही, मगर अब राज्य को आधिकारिक रूप से जैविक प्रदेश बनाने की दिशा में पहल हुई है। पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम से प्रेरणा लेते हुए सरकार ने तीन साल पहले यहां भी कदम बढ़ाए। 10 ब्लाकों को जैविक घोषित किया गया। सिक्किम में 76 हजार हेक्टेयर जैविक क्षेत्र है, जबकि उत्तराखंड के 10 ब्लाकों में 1.25 लाख हेक्टेयर। राज्य में कुल कृषि भूमि 6.73 लाख हेक्टेयर है। अब संपूर्ण राज्य को जैविक बनाने के मद्देनजर जैविक कृषि विधेयक लाया गया है। 

उभरेगा जैविक मार्केट 

एक्ट के तहत जैविक कृषि उत्पादों के निर्यात, व्यापार और प्रसंस्करण में लगी निजी एजेंसियों, एनजीओ, ट्रेडर को विनियमित किया जाएगा। क्रेता संस्थाओं का निशुल्क पंजीकरण होगा, ताकि यहां के जैविक उत्पादों को बढ़ावा मिले। इससे जैविक मार्केट एक संगठित सेक्टर के रूप में उभरेगा और किसानों को उत्पादों का अधिकतम मूल्य मिलेगा। रासायनिक उर्वरकों की बिक्री विनियमित राज्य के 10 ब्लाकों प्रतापनगर, अगस्त्यमुनि, जखोली, ऊखीमठ, देवाल, जयहरीखाल, बेतालघाट, सल्ट, मुनस्यारी एवं डुंडा में रासायनिक और सिंथैटिक उर्वरकों, कीटनाशकों, खरपतवारनाशियों, पशु चिकित्सा दवाओं, पशुचारा की बिक्री को विनियमित किया जाएगा। 

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में मास्टर प्लान से बसे इस शहर में आबाद किया 'सेहत का गांव', जानिए

धीरे-धीरे इसे समूचे राज्य में लागू किया जाएगा। एक लाख तक का जुर्माना जैविक के रूप अधिसूचित क्षेत्रों में प्रतिबंधित पदार्थों की बिक्री पर दंड के कड़े प्रविधान किए गए हैं। इसके तहत एक लाख रुपये तक का जुर्माना और एक साल की सजा का प्रविधान है। 

यह भी पढ़ें: लेह-बेरी चीन में अनमोल, हमारे यहां मिट्टी के मोल; पढ़िए पूरी खबर

विधयेक के अन्य बिंदु 

-प्रमाणीकरण प्रक्रिया होगी सरल, जो कृषि उत्पादों के जैविक प्रमाणीकरण में होगी मददगार 

-जैविक उत्पादन प्रणाली को जैव निवेशों की उपलब्धता होगी सुविधाजनक 

-जैविक कृषि कार्यक्रम के इच्छुक किसानों को मिलेगा प्रशिक्षण 

-एपीडा की गाइडलाइन के अनुसार पशु औषधियों और वैक्सीनेसंस के प्रयोग की स्वतंत्रता 

-'जैविक उत्तराखंड' ब्रांड को मिलेगा प्रोत्साहन 

कृषि मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि उत्तराखंड को जैविक प्रदेश बनाने की दिशा में ऑर्गनिक एक्ट मील का पत्थर साबित होगा। यह जैविक कृषि को प्रोत्साहित करने, जैविक प्रमाणीकरण रजिस्ट्रीकरण और जैविक उत्पादन संबंधी प्रविधानों को विनियमित करने की दिशा में एक्ट अहम भूमिका निभाएगा।

यह भी पढ़ें: पर्यटन विभाग होमस्टे योजना से रोजगार को करेगा जनजागरण 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.