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ई-विधानसभा को दून से गैरसैंण तक बिछेगी ऑप्टिकल फाइबर केबिल, गांवों में लगेंगी स्ट्रीट लाइट

गैरसैंण के भराड़ीसैंण में ई-विधानसभा बनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। इसके लिए अब देहरादून से गैरसैंण तक ऑप्टिकल फाइबर केबिल (ओएफसी) बिछाई जाएगी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 08:46 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 09:09 PM (IST)
ई-विधानसभा को दून से गैरसैंण तक बिछेगी ऑप्टिकल फाइबर केबिल, गांवों में लगेंगी स्ट्रीट लाइट
ई-विधानसभा को दून से गैरसैंण तक बिछेगी ऑप्टिकल फाइबर केबिल, गांवों में लगेंगी स्ट्रीट लाइट

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश सरकार ने गैरसैंण के भराड़ीसैंण में ई-विधानसभा बनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। इसके लिए अब देहरादून से गैरसैंण तक ऑप्टिकल फाइबर केबिल (ओएफसी) बिछाई जाएगी। इसकी लागत लगभग 27 करोड़ रुपये आएगी। ई-विधानसभा बनाने से विभागों को गैरसैंण में आयोजित होने वाले विस सत्रों में फाइल लाने-ले जाने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। इसके अलावा प्रदेश सरकार आबादी वाले क्षेत्रों में जंगली जानवरों की लगातार बढ़ती दस्तक के मद्देनजर अब सभी गांवों में स्ट्रीट लाइट लगाएगी।

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प्रदेश सरकार ने कुछ समय पहले ही गैरसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसे ई-विधानसभा बनाने की बात कही है। दरअसल, जब भी गैरसैंण में विधानसभा सत्र आयोजित होता है, तब सचिवालय व विधानसभा समेत अन्य विभागों से सभी महत्वपूर्ण फाइलें लेकर जाना पड़ता है। इससे फाइलों के गुम होने और इनकी गोपनीयता भंग होने की आशंका रहती है। इसमें काफी खर्च भी आता है। इस समय सरकार ई-ऑफिस पर जोर-शोर से काम कर रही है, यानी कार्यालयों के सभी काम ऑनलाइन किए जाने हैं। इसी कड़ी में सचिवालय के 16 विभागों में यह व्यवस्था कर दी गई है। 

विभागों में शुरू की गई यह ई-ऑफिस व्यवस्था निकट भविष्य में ई-विधानसभा का आधार बनेगी। इससे विधानसभा में सारा काम ऑनलाइन हो जाएगा। एक क्लिक पर ही विभागों की सभी जानकारी गैरसैंण में बैठे-बैठे मिल सकेगी। इसी को मूर्त रूप देने के लिए अब देहरादून से गैरसैंण तक ओएफसी बिछाई जा रही है। सोमवार को डोईवाला में आयोजित कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में भी शीत और ग्रीष्मकालीन दो राजधानी हैं, जहां सत्र के दौरान फाइलों को लाने-ले जाने में 200 करोड़ रुपए खर्च आता है। 

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इसीलिए इस तरह के बड़े खर्च को रोकने के लिए सरकार देहरादून से लेकर गैरसैंण तक फाइबर केबल बिछाने जा रही है। इसमें एक बार सिर्फ 27 करोड़ रुपए खर्च आएगा। उन्होंने कहा कि सरकार पूरे प्रदेश में जंगली जानवरों से जनता की सुरक्षा के लिए जंगल से सटी ग्राम पंचायतों में स्ट्रीट लाइट भी लगाएगी।

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