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उत्तराखंड के इस सबसे बड़े अस्पताल में ठप रहे ऑपरेशन Dehradun News

देश के सबसे बड़े अस्पतालों में शुमार दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑपरेशन ठप रहे। यहां सामान्यत 30-35 ऑपरेशन रोज होते हैं पर कर्मियों के आंदोलन के चलते आपरेशन नहीं हुए।

By BhanuEdited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 12:51 PM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 12:51 PM (IST)
उत्तराखंड के इस सबसे बड़े अस्पताल में ठप रहे ऑपरेशन Dehradun News
उत्तराखंड के इस सबसे बड़े अस्पताल में ठप रहे ऑपरेशन Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। प्रदेश के सबसे बड़े अस्पतालों में शुमार दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑपरेशन ठप रहे। यहां सामान्यत: 30-35 ऑपरेशन रोज होते हैं, पर संविदा कर्मियों के कार्य बहिष्कार के कारण ऑपरेशन नहीं हो सके।

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दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में न केवल दून बल्कि पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों से भी लोग इलाज के लिए आते हैं। आमतौर पर यहां मरीजों का भारी दबाव रहता है। यही नहीं, ऑपरेशन के लिए भी लंबी वेटिंग रहती है। पर ऑपरेशन का इंतजार कर रहे मरीजों को निराश होना पड़ा। कारण था अस्पताल के संविदा कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार। 

इन कर्मचारियों में अधिकांश टेक्नीशियन होने के चलते सर्जरी, ऑर्थो, नेत्र रोग विभाग, ईएनटी समेत अन्य विभागों में ऑपरेशन ठप हो गए। ऑटोक्लेव नहीं चलने एवं अन्य सामान तैयार नहीं होने से ऑपरेशन नहीं हुए। जिससे मरीजों एवं तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ा। 

संविदा कर्मियों को तीन माह का वेतन जारी

दून मेडिकल कॉलेज के 57 संविदा कर्मियों ने अपना आंदोलन दस दिन के लिए स्थगित कर दिया है। कॉलेज प्रशासन ने उनके आंदोलन को देखते हुए सुबह ही तीन माह का वेतन जारी कर दिया। कर्मचारियों का कहना है कि बाकी तीन माह का वेतन व सेवा विस्तार न मिलने पर वह दोबारा आंदोलन करेंगे।

कर्मचारियों ने अस्पताल परिसर में धरना दिया। उन्होंने मरीजों, स्टाफ, तीमारदारों से चंदा मांगकर अपना विरोध प्रकट किया। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने उनसे वार्ता की और तीन माह का वेतन जारी करने एवं विस्तारीकरण का मामला शासन में लंबित होने की बात कही, लेकिन उन्होंने तत्काल समाधान की बात कही। 

वार्ता के बाद भी कर्मचारियों ने आंदोलन जारी रखा। इसके बाद बैठक में कर्मचारियों ने तय किया कि डेंगू के चलते मरीजों को हो रही परेशानी को देखते हुए दस दिन के लिए आंदोलन स्थगित किया जाए। उन्होंने चिकित्सा अधीक्षक, प्राचार्य समेत आला अफसरों को पत्र भेजकर आंदोलन खत्म कर काम पर लौटने की बात कही है। इस दौरान मुकेश, मनोज, गोविंद, लोकेश, अर्चना, हिमानी, प्रज्ञा, अंजनी, आशीष, दीप जोशी, दिव्या, शैलेश, तारा और मनीषा आदि मौजूद रहे।

दून की पैथोलॉजी के बाहर मरीजों ने काटा हंगामा

डेंगू, वायरल व मौसमी बीमारियों के कारण अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है। अस्पतालों में न केवल बेड कम पड़ रहे हैं, बल्कि अन्य इंतजाम भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। यही हाल शहर के प्रमुख सरकारी अस्पताल, दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय का भी है। 

जहां ओपीडी से लेकर पैथोलॉजी तक मरीजों का जबरदस्त दबाव है। इस कारण आए दिन हंगामे की स्थिति बन रही है। यही नहीं, कई मरीज बिना जांच लौटने को मजबूर हैं। शुक्रवार को भी पैथोलॉजी में मरीज व तीमारदारों ने हंगामा काटा। 

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दून मेडिकल अस्पताल में इन दिनों पैथोलॉजी जांच के लिए सुबह से ही मरीजों की लंबी कतार लग जा रही है। स्थिति ये कि आजकल करीब दोगुनी जांचें हो रही हैं। पैथोलॉजी में सैंपल कलेक्शन में 14 में से 5 संविदा कर्मी हैं, जिनके कार्य बहिष्कार पर होने से पैथोलॉजी के बाहर घंटों तक लोग कतार में लगे रहे। 12.30 बजे तक सैंपल कलेक्शन होने के बाद लैब का दरवाजा बंद कर दिया गया। जिस पर लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। 

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लोगों का आरोप था कि घंटों लाइन में लगने के बाद भी उनका सैंपल नहीं लिया गया है। कुछ का आरोप यह भी है कि डेंगू की जांच के नाम पर उनकी चक्करघिन्नी बन गई है। उन्हें एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भेजा जा रहा है।

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