त्रिस्तरीय पंचायतों का जीएसटी पंजीकरण अनिवार्य
उत्तराखंड में भी निकट भविष्य में त्रिस्तरीय पंचायतों को जीएसटी पंजीकरण कराना अनिवार्य किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड में भी निकट भविष्य में त्रिस्तरीय पंचायतों को जीएसटी पंजीकरण कराना अनिवार्य किया जाएगा। इसके साथ ही ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायतों में पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंस मैनेमजमेंट सिस्टम) व प्रिया सॉफ्टवेयर के एकीकरण के माध्यम से ही भुगतान किया जाएगा। केंद्रीय पंचायतीराज मंत्रालय के संयुक्त सचिव सचिव संजीव पटजोशी ने बुधवार को पीएफएमएस पर ऑनलाइन प्रशिक्षण व समीक्षा बैठक में यह बात कही।
पूर्व में कई पंचायतों की ओर से यह मांग उठ रही थी कि विभिन्न कार्याें के लिए किए जाने वाले भुगतान की पुरानी व्यवस्था को लागू रखा जाए। शासन ने यह मसला केंद्रीय पंचायतीराज मंत्रालय के समक्ष रखा था। इसके साथ ही राज्य की सभी 7791 ग्राम पंचायतों के खाते भी पीएफएमएस से जोड़ दिए। अब केंद्रीय पंचायतीराज मंत्रालय के संयुक्त सचिव पटजोशी ने स्पष्ट किया है कि पीएफएमएस-प्रिया सॉफ्ट के एकीकरण के जरिये ही भुगतान किया जाएगा। इसमें भी जियो टैगिंग अनिवार्य की गई है।
बुधवार को ऑनलाइन प्रशिक्षण व समीक्षा बैठक में केंद्रीय संयुक्त सचिव पटजोशी ने इस बात पर भी जोर दिया कि पीएफएमएस-प्रिया सॉप्ट से भुगतान के मद्देनजर साइबर सिक्योरिटी पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने राज्य की सभी ग्राम पंचायतों के खाते पीएफएमएस से जोड़ने के लिए उत्तराखंड पंचायतीराज विभाग की पीठ थपथपाई।
केंद्रीय संयुक्त सचिव ने कहा कि जो बैंक पीएफएमएस के लिए ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायत स्तर पर जुड़े हैं, वे अपने स्तर से बैंक न बदलें। यदि कोई तकनीकी दिक्कत आती है तो पंचायतीराज निदेशालय से इसका निदान कराएं। यदि पर्याप्त अवसर देने पर भी बैंक समस्याओं का निराकरण नहीं करता है तो तब पीएफएमएस के लिए बैंक का बदलाव किया जाए। उन्होंने इस प्रशिक्षण व समीक्षा बैठक के लिए पंचायती राज विभाग के अपर सचिव एवं निदेशक एचसी सेमवाल के प्रयासों की सराहना भी की। इस ऑनलाइन समीक्षा में पंचायतीराज निदेशालय के साथ ही सभी जिलों, ब्लाक व ग्राम पंचायत स्तर के अधिकारी, इंडसइंड बैंक के अधिकारी जुड़े रहे।