यहां गोदाम से चावल और गेहूं के एक हजार बोरे गायब
ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरएफसी के गोदाम में गोलमाल सामने आया है। यहां गेहूं के छह सौ और चावल के चार सौ बोरे कम पाए गए हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरएफसी के गोदाम में चावल-गेहूं के एक हजार बोरों का गोलमाल सामने आया है। गोदाम में चावल-गेहूं के बोरों की गिनती में गेहूं के छह सौ और चावल के चार सौ बोरे कम पाए गए हैं। सूत्रों की मानें तो गायब बोरों की संख्या इससे भी कहीं ज्यादा है। दरअसल, यह मामला तब उजागर हुआ, जब गोदाम के नए प्रभारी रविंद्र सिंह ने चार्ज लेने से पहले चावल-गेहूं के बोरों की स्थिति जांची।
गोदाम से बोरे गायब होने के बाद से अधिकारियों में हड़कंप मचा है। गोदाम से खाद्यान्न के बोरे गायब होना अधिकारी स्वीकार कर रहे है। वे बोरों की संख्या 300 से 500 तक ही बता रहे हैं। हालांकि सूत्र बताते हैं कि गोदाम से खाद्यान्न के गायब बोरों की संख्या 1500 से ज्यादा है। गोदाम से गेहूं और चावल के बोरे गायब होने से साफ हो जाता है कि जिम्मेदार किस तरह सरकारी खाद्यान्न को ठिकाने लगाकर चांदी काट रहे हैं और आम लोगों के हकों में खुलेआम डाका डाला जा रहा है। इस संबंध में संभागीय खाद्यान्न नियंत्रक चंद्र सिंह धर्मशक्तू से संपर्क करने की कोशिश की गई, मगर बात नहीं हो पाई।
ऐसे खुला मामला
नए गोदाम प्रभारी रविंद्र सिंह को एक नवंबर तक चार्ज सौंपने की तैयारी थी। इसे लेकर सभी औपचारिकताएं भी पूरी कर दी गई थीं। लेकिन, चार्ज लेने से पहले नए प्रभारी ने गोदाम में रखे खाद्यान्न कोटे की गिनती कराई। इसमें स्टॉक रजिस्टर में अंकित खाद्यान्न कोटे व वास्तिवक स्टॉक में अंतर पाया गया।
अब रविंद्र सिंह चार्ज लेने से पहले अंकित कोटे के अनुसार खाद्यान्न पूरा कराने की मांग कर रहे हैं, ताकि उन पर कोई आक्षेप न लगे।
ट्रांसपोर्ट नगर गोदाम के वरिष्ठ विपणन अधिकारी कैलाश चंद्र पांडेय ने बताया कि गोदाम से चावल-गेहूं के बोरे गायब होने की बात गलत है। हां, इतना जरूर है कि तोल में तकनीकी कारणवश कोटे में कमी आती रहती है।
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