Move to Jagran APP

उत्तराखंड में नहीं थम रहा स्वाइन फ्लू का कहर, अब तक 26 की मौत

स्वाइन फ्लू का कहर थम नहीं रहा है। आए दिन नए मरीज इसकी चपेट में आ रहे हैं। इस बीमारी के कारण एक और महिला की मौत हो गई।

By Edited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 08:13 PM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 11:26 AM (IST)
उत्तराखंड में नहीं थम रहा स्वाइन फ्लू का कहर, अब तक 26 की मौत
उत्तराखंड में नहीं थम रहा स्वाइन फ्लू का कहर, अब तक 26 की मौत

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में स्वाइन फ्लू का कहर थम नहीं रहा है। आए दिन नए मरीज इसकी चपेट में आ रहे हैं। यही नहीं, इस बीमारी से होने वाली मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। पटेलनगर स्थित श्री महंत इंद्रेश अस्पताल में भर्ती 81 वर्षीय महिला ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। महिला बीती सात फरवरी को अस्पताल में भर्ती हुई थी। महंत इंद्रेश अस्पताल में स्वाइन फ्लू से यह 23वीं मौत है, जबकि प्रदेश में अब तक स्वाइन फ्लू से मरने वाले मरीजों संख्या 26 हो गई है। 

loksabha election banner

सीएमओ कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 20 और मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इस तरह राज्य में स्वाइन फ्लू की चपेट में अब तक 181 लोग आ चुके हैं। इनमें से 26 की मौत हो चुकी है। अभी 36 मरीजों का शहर के अलग-अलग अस्पतालों में उपचार चल रहा है। 

कुल मिलाकर स्वाइन फ्लू का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। वातावरण में बनी ठंडक भी इस वायरस के लिए मुफीद साबित हो रही है। स्वाइन फ्लू के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप जरूर है, लेकिन तमाम तैयारियां बौनी साबित हो रही हैं। 

एक ही अस्पताल में हर दिन हो रही स्वाइन लू मरीजों की मौत और स्वास्थ्य विभाग की खामोशी भी कई सवाल खड़े कर रही है। हालांकि विभागीय अधिकारी दावा करते नहीं थक रहे हैं कि सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को अलर्ट किया गया है। मरीजों के उपचार के लिए अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में दवा आदि उपलब्ध हैं। इसके बावजूद स्वाइन फ्लू का असर कहीं से भी कम होता नहीं दिख रहा है। 

एनसीडीसी की टीम ने परखी व्यवस्थाएं 

नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) व मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय की टीम ने श्री महंत इंद्रेश अस्पताल की मॉलीक्यूलर लैब का निरीक्षण किया। टीम ने स्वाइन फ्लू लैब के संदर्भ में कुछ आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए हैं। 

बता दें, स्वाइन फ्लू के बढ़ते प्रकोप के बीच अस्पताल की लैब की एक्रीडिटेशन को लेकर सवाल उठ रहे थे। जिसे टीम ने सही पाया है। अस्पताल के वरिष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि उत्तराखंड के कई अस्पताल स्वाइन फ्लू के सैंपलों की जांच के लिए अनुबंध करना चाहते हैं। 

कैलाश अस्पताल के बाद अब सीएमआइ व दून डायग्नोस्टिक सेंटर ने भी अस्पताल के साथ अनुबंध कर लिया है। सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों के स्वाइन फ्लू के सैंपलों की जांच के लिए भी सैंपल अस्पताल को भेजे जा सकते हैं।

क्या है स्वाइन फ्लू 

स्वाइन फ्लू, इनफ्लुएंजा (फ्लू वायरस) के अपेक्षाकृत नए स्ट्रेन इनफ्लुएंजा वायरस से होने वाला संक्रमण है। इस वायरस को ही एच1 एन1 कहा जाता है। इसे स्वाइन फ्लू इसलिए कहा गया था, क्योंकि सुअर में फ्लू फैलाने वाले इनफ्लुएंजा वायरस से यह मिलता-जुलता था।  स्वाइन फ्लू का वायरस तेजी से फैलता है। कई बार यह मरीज के आसपास रहने वाले लोगों और तीमारदारों को भी चपेट में ले लेता है। किसी में स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखें तो उससे कम से कम तीन फीट की दूरी बनाए रखना चाहिए, स्वाइन फ्लू का मरीज जिस चीज का इस्तेमाल करे, उसे भी नहीं छूना चाहिए। 

स्वाइन फ्लू के लक्षण 

नाक का लगातार बहना, छींक आना कफ, कोल्ड और लगातार खासी मासपेशियों में दर्द या अकडऩ सिर में भयानक दर्द नींद न आना, ज्यादा थकान दवा खाने पर भी बुखार का लगातार बढऩा गले में खराश का लगातार बढ़ते जाना।  

ऐसे करें बचाव 

स्वाइन फ्लू से बचाव इसे नियंत्रित करने का सबसे प्रभावी उपाय है। इसका उपचार भी मौजूद है। लक्षणों वाले मरीज को आराम, खूब पानी पीना चाहिए। शुरुआत में पैरासिटामॉल जैसी दवाएं बुखार कम करने के लिए दी जाती हैं। बीमारी के बढऩे पर एंटी वायरल दवा ओसेल्टामिविर (टैमी फ्लू) और जानामीविर (रेलेंजा) जैसी दवाओं से स्वाइन फ्लू का इलाज किया जाता है।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में स्वाइन फ्लू से एक और मौत, 25 पहुंची मृतकों की संख्या

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में स्वाइन फ्लू से अब तक 24 मौत, नहीं मिल रही वैक्सीन

यह भी पढ़ें: स्वाइन फ्लू से पीड़ि‍त दो महिलाओं की हुई मौत, अब तक हो चुकी 21 मौते


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.