खनन पोर्टल पर ऑनलाइन फर्जीवाड़े का एक और अरोपित गिरफ्तार
रॉयल्टी की कूटरचना कर अवैध रूप से खनन का कारोबार करने के मामले में एक और आरोपित को दबोच लिया गया है। एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस लगातार इस मामले में आरोपितों की तलाश में जुटी है। अब तक कुल चार आरोपित पुलिस के शिकंजे में आ चुके हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। रॉयल्टी की कूटरचना कर अवैध रूप से खनन का कारोबार करने के मामले में एक और आरोपित को दबोच लिया गया है। एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस लगातार इस मामले में आरोपितों की तलाश में जुटी है। अब तक कुल चार आरोपित पुलिस के शिकंजे में आ चुके हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि 14 जुलाई 2020 को भूतत्व एंव खनिज कर्म अधिकारी रश्मि प्रधान की तहरीर पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमें रश्मि प्रधान ने बताया था कि एक अवैध खनन का मामला प्रकाश में आया है। जिसमें विभाग की ई-रवन्ना पोर्टल के माध्यम से एक फर्जी आइडी का प्रयोग कर अवैध खनन किया जा रहा है। जांच में आइडी नंबर किसी विक्रम सिंह बिष्ट के नाम से दर्ज मिला। साथ ही कुछ खनन से जुड़े लोगो के विवरण प्राप्त हुए।
आरोपितों की धरपकड़ को स्पेशल टास्क फोर्स की टीम ने दबिश दी और अब तक चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। पूर्व में तीन आरोपितों को अलग-अलग स्थानों से दबोचा गया। अब गगन त्यागी निवासी निकट भैरव मंदिर कनखल हरिद्वार को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने पूछताछ में अपराध को स्वीकार किया। साथ ही गगन त्यागी से बरामद फोन से फर्जी दस्तावेज भी मिले।
उसने बताया कि खनन कारोबार में ज्यादा मुनाफा कमाने की मंशा से उन्होंने यह तरीका निकाला। इस मामले में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) के अधिकारी भी शामिल होने का दावा किया जा रहा था, लेकिन संबंधित अधिकारी गिरफ्तारी पर कोर्ट से स्टे ले आए। दरअसल, उक्त आरोपितों ने खनन के लिए फर्जी ई-रवन्ना जारी कर पौड़ी जिले में 25 हजार टन से अधिक का अवैध खनन किया। जिससे सरकार को रॉयल्टी के रूप में 37.84 लाख रुपये से अधिक की चपत लगी थी।
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