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नहीं डाली मरीज के पैर में रॉड और हड़प लिए डेढ़ लाख रुपये, एक्स-रे में हुआ खुलासा

वसंत विहार पुलिस ने ज्वाला नर्सिंग होम के चिकित्सकों और स्टाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 08 Mar 2020 02:02 PM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2020 02:02 PM (IST)
नहीं डाली मरीज के पैर में रॉड और हड़प लिए डेढ़ लाख रुपये, एक्स-रे में हुआ खुलासा
नहीं डाली मरीज के पैर में रॉड और हड़प लिए डेढ़ लाख रुपये, एक्स-रे में हुआ खुलासा

देहरादून, जेएनएन। धोखाधड़ी के आरोप में वसंत विहार पुलिस ने ज्वाला नर्सिंग होम के चिकित्सकों और स्टाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टरों ने डेढ़ लाख रुपये लेकर युवक के पांव में रॉड नहीं डाली। साथ ही दुर्व्यवहार भी किया। 

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वसंत विहार थाने के एसओ नत्थीलाल उनियाल के अनुसार भीमावाला नवघाट विकासनगर निवासी सीता देवी ने तहरीर दी कि 27 दिसंबर 2019 को उसके छोटे भाई मुकेश का एक्सीडेंट हो गया था। हादसे में मुकेश का दाहिना पैर टूट गया। सीता देवी अपने पड़ोसी सचिन के साथ घटनास्थल पर पहुंची और सचिन ने 108 नंबर पर फोन कर एंबुलेंस बुलाई। एंबुलेंस चालक अबरार दून अस्पताल के बजाय मरीज को बल्लीवाला चौक स्थित ज्वाला मेडिकल सेंटर ले गया। 

महिला ने बताया कि अस्पताल के रिसेप्शन में बैठी सना और अलीशा चौहान, खुद को डॉक्टर बताने वाले डॉ. ललित और डॉ. वकार ने बताया कि मरीज मुकेश के पैर ही हड्डी बीच से टूट गई है, जिसका तुरंत ऑपरेशन किया जाना है। डॉ. वकार और डॉ. ललित ने एक निजी एंबुलेंस बुलाई और एक्सरे करने की बात कहकर मरीज को चंदन डायग्नोस्टिक सेंटर ले गए। एक्सरे में पैर की हड्डी टूटी नजर आई, एक्सरे के बाद दोनों डॉक्टरों ने पैर में रॉड डालने की बात कहते हुए 60 हजार रुपये खर्चा आने की बात कही। 

28 दिसंबर को डॉ. वकार और ललित ने डॉ. प्रसून महेश्वरी से कुछ बात की और मुकेश को ऑपरेशन के लिए प्रसून महेश्वरी के साथ ऑपरेशन थिएटर में भेज दिया। एक घंटे बाद डॉक्टर मुकेश को ओटी से बाहर लेकर आए और आइसीयू में भर्ती कर दिया। सना, अलीशा चौहान, वकार और ललित ने उपचार का बहाना बनाकर मुकेश को 10 दिन तक ज्वाला मेडिकल सेंटर में ही रखा और सीता देवी से डेढ़ लाख रुपये ऐंठ लिए। 

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एक्सरे में पता चला रॉड ही नहीं डाली 

सीता देवी ने बताया कि चार मार्च को वह रॉड निकलवाने के लिए मुकेश को लेकर ज्वाला नर्सिंग सेंटर पहुंची तो पता चला कि सना, अलीशा और डॉ. वकार वहां से भाग चुके हैं। स्वजनों ने जब मुकेश के पैर का दोबारा एक्सरे कराया तो पता चला कि पैर में कोई रॉड ही नहीं डाली गई थी। सीता देवी ने जब इलाज की फाइल लौटाने की बात कही तो डॉ. ललित ने गाली गलौज शुरू कर दी। 

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इनके खिलाफ किया मुकदमा दर्ज 

एसओ वसंत विहार नत्थीलाल उनियाल ने बताया कि सीता देवी की शिकायत पर डॉ. वकार, ललित, प्रसून और स्टाफ सना, अलीशा और एंबुलेंस चालक अबरार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। 

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