13 सरकारी डिग्री कालेजों को नैक ग्रेडिंग को दिए एक करोड़ रुपये
प्रदेश के सरकारी डिग्री कालेजों में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार दिखाई देगा। इसके लिए सरकार ने 13 कालेजों को नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) ग्रेडिंग कराने के लिए एक करोड़ की धनराशि जारी की है। इससे कालेजों को जरूरी सुविधाएं जुटाने में मदद मिलेगी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश के सरकारी डिग्री कालेजों में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार दिखाई देगा। इसके लिए सरकार ने 13 कालेजों को नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) ग्रेडिंग कराने के लिए एक करोड़ की धनराशि जारी की है। इससे कालेजों को जरूरी सुविधाएं जुटाने में मदद मिलेगी।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग सभी सरकारी और निजी डिग्री कालेजों और विश्वविद्यालयों के लिए नैक ग्रेडिंग अनिवार्य कर चुका है। नैक ग्रेडिंग को लेकर सबसे ज्यादा परेशानी सरकारी डिग्री कालेजों को उठानी पड़ रही है। खासतौर पर नए खुलने वाले कालेजों के पास भूमि और भवन का संकट तो है ही, साथ में शिक्षकों के साथ ही अन्य जरूरी सुविधाओं की कमी से भी जूझना पड़ रहा है। नैक ग्रेडिंग के लिए कालेजों के पास जरूरी बुनियादी सुविधाएं होना आवश्यक है। साथ ही कालेजों को अपनी व्यवस्थाओं को लेकर अपना डेटा भी दुरुस्त करना होगा।
नैक ग्रेडिंग हासिल होने पर ही सरकारी डिग्री कालेज यूजीसी से अनुदान हासिल कर सकेंगे। जो कालेज नैक ग्रेडिंग ले चुके हैं, उन्हें अनुदान मिल रहा है। साथ में शोध कार्यों से संबंधित परियोजनाओं का लाभ उपलब्ध हो रहा है। इसे ध्यान में रखकर ही उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा धन सिंह रावत ने सभी सरकारी कालेजों को नैक ग्रेडिंग को लेकर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के विकास में संसाधनों की कमी आड़े नहीं आएगी। सरकार का उद्देश्य उत्तराखंड को उच्च शिक्षा में माडल राज्य के रूप में स्थापित करने का है।
इस कड़ी में सरकार ने सोमेश्वर, टनकपुर, सितारगंज, बाजपुर, चौबट्टाखाल, कोटद्वार भावर, कर्णप्रयाग, बड़कोट, नई टिहरी, डोईवाला, नरेंद्रनगर, चुडिय़ाला व लक्सर कालेजों को फर्नीचर व उपकरण के लिए धन दिया गया है। इन संसाधनों का प्रबंध करने के बाद नैक ग्रेडिंग कराने के निर्देश दिए गए हैं।
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