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दून के अतिक्रमण पर हुई कार्रवाई का अफसरों के पास नहीं है जवाब Dehradun News

दून में जो अतिक्रमण हटाओ अभियान पिछले साल जून माह के अंत से चल रहा है। उसकी कार्रवाई को लेकर अधिकारियों के पास लिखित में कोई ठोस जवाब ही नहीं है।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 09 Oct 2019 08:33 AM (IST)Updated: Wed, 09 Oct 2019 08:33 AM (IST)
दून के अतिक्रमण पर हुई कार्रवाई का अफसरों के पास नहीं है जवाब Dehradun News
दून के अतिक्रमण पर हुई कार्रवाई का अफसरों के पास नहीं है जवाब Dehradun News

देहरादून, सुमन सेमवाल। दून में जो अतिक्रमण हटाओ अभियान पिछले साल जून माह के अंत से चल रहा है। उसकी कार्रवाई को लेकर अधिकारियों के पास लिखित में कोई ठोस जवाब ही नहीं है। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि स्वयं आरटीआइ में इस बात की स्वीकारोक्ति अभियान के लिए बनाई गई टास्क फोर्स के अधिकारी कर रहे हैं। 

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सरकारी रिकॉर्ड इस बात के गवाह हैं कि अतिक्रमण अभियान को लेकर आज तक जो भी आरटीआइ लगाई गई है, उसमें से एक का भी संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया है। यह स्थिति तब है, जब हाईकोर्ट के 18 जून 2018 के आदेश के क्रम में यह अभियान शुरू किया गया। अभियान का निर्देशन स्वयं अपर मुख्य सचिव कर रहे हैं और जिला स्तर पर छह सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन भी किया गया है। 

हाईकोर्ट को भी समय-समय पर अतिक्रमण के खिलाप अभियान के तहत की गई कार्रवाई से अवगत कराया जा रहा है। यानी कि पूरे अभियान के दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं। फिर क्या वजह है कि अधिकारी आरटीआइ में जनता के सामने अपनी कार्रवाई को साझा करने से कतरा रहे हैं? कहीं ऐसा तो नहीं कि अधिकारी हाईकोर्ट को जमीनी हकीकत से इतर की 'सच्चाई' से वाकिफ करा रहे हैं। यदि ऐसा नहीं तो जनता को क्यों आरटीआइ तक में स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है। 

टास्क फोर्स की कार्रवाई से संबंधित पुरानी आरटीआइ को छोड़ भी दें और सूचना आयोग के समक्ष पहुंचे ताजा प्रकरण की ही बात करें तो जिलाधिकारी से लेकर एमडीडीए, तहसील व लोनिवि तक के अधिकारी लोगों को गुमराह करते दिख रहे हैं। अतिक्रमण से संबंधित यह अर्जी राजपुर रोड निवासी अधिवक्ता एके जुयाल की ओर से दाखिल की गई थी। 

लोक सूचना अधिकारी के बाद प्रथम विभागीय अपीलीय अधिकारी से होते हुआ यह प्रकरण सूचना आयोग तक पहुंचा। अपील की सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त जेपी ममगाईं ने पाया कि हर स्तर पर टास्क फोर्स से जुड़ी सरकारी एजेंसी व अधिकारी जनता को सिर्फ यहां से वहां दौड़ाने का काम कर रही है।

45 दिन में सूचना देने के आदेश

सूचना आयोग की सुनवाई में जिला प्रशासन व लोक निर्माण विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। आयोग ने इसमें आदेश पारित किए कि एमडीडीए, नगर निगम, लोनिवि, सिंचाई विभाग, प्रशासन व पुलिस के अधिकारी आपस में समन्वय बनाएं और सूचना एकत्रित कर 45 दिन के भीतर अपीलार्थी को उपलब्ध करा दें। यह जिम्मेदारी कलेक्ट्रेट के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी देवी प्रसाद नैनवाल को सौंपी गई है। 

नई व्यवस्था: अपर जिलाधिकारी 15 दिन में करेंगे बैठक

अतिक्रमण से संबंधित सूचनाओं की पहुंच में खड़ी हो रही बाधा को देखते हुए सूचना आयोग ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि वह अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) की अध्यक्षता में टास्क फोर्स के सदस्यों की अगले 15 दिन में बैठक कराएं। ताकि अपर जिलाधिकारी के माध्यम से सभी सदस्यों से सूचना संकलित की जा सके। इसके बाद कलेक्ट्रेट के माध्यम से सूचना उपलब्ध कराई जाएगी।

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टास्क फोर्स में सभी जिम्मेदार अधिकारी, सूचना से परहेज 

-अध्यक्ष, नगर आयुक्त देहरादून (पहले एमडीडीए उपाध्यक्ष थे)

-सदस्य, एमडीडीए उपाध्यक्ष।

-सदस्य, अपर जिलाधिकारी प्रशासन।

-सदस्य, पुलिस अधीक्षक नगर।

-सदस्य, मुख्य अभियंता लोनिवि।

-सदस्य, अधीक्षण अभियंता सिंचाई।

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