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यहां अफसर ने खुद की आय से अधिक संपत्ति की मांगी सूचना, जानिए पूरा मामला

वन विकास निगम के नियोजन और मूल्यांकन अधिकारी त्रिलोक चंद ने खुद के आय से अधिक संपत्ति के मामले में सतर्कता अनुभाग से आरटीआइ में जानकारी मांगी है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज की गई है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 06:10 AM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 06:10 AM (IST)
यहां अफसर ने खुद की आय से अधिक संपत्ति की मांगी सूचना, जानिए पूरा मामला
अफसर ने खुद की आय से अधिक संपत्ति की मांगी सूचना।

देहरादून, जेएनएन। वन विकास निगम के नियोजन और मूल्यांकन अधिकारी त्रिलोक चंद ने खुद के आय से अधिक संपत्ति के मामले में सतर्कता अनुभाग से आरटीआइ में जानकारी मांगी है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज की गई है। हालांकि, सतर्कता विभाग को आरटीआइ के दायरे से बाहर बताते हुए सूचना देने से इनकार कर दिया।

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त्रिलोक चंद ने यह सूचना अनुसचिव कार्मिक और सतर्कता अनुभाग-5 से मांगी थी। जवाब में उन्हें बताया गया कि सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा आठ के तहत सूचना नहीं दी जा सकती। तब उन्हें स्पष्ट नहीं किया गया कि सतर्कता विभाग को आरटीआइ के दायरे से बाहर कर दिया गया है। विभागीय स्तर पर संतोषजनक जवाब न मिलने पर त्रिलोक चंद ने सूचना आयोग में अपील की। प्रकरण की सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त चंद्र सिंह नपलच्याल ने पाया कि मांगी गई सूचना अपील करने वाले व्यक्ति से ही संबंधित है। 

उन्होंने यह भी पाया कि त्रिलोक चंद ने आय से अधिक संपत्ति के मामले शिकायत करने वाले व्यक्ति की असलियत पर सवाल उठाए हैं। इसी के चलते उन्होंने शिकायत की पुष्टि और दाखिल किए गए शपथ पत्र की जानकारी मांगी है। त्रिलोक चंद ने आयोग को बताया कि शिकायत करने वाले व्यक्ति ने अपना नाम जगदीश और पिता का नाम मुन्नवर लिखा है, जो अपने आप में विरोधाभास पैदा कर रहा है। 

उन्होंने दलील दी कि विभाग से अब तक एक करोड़ रुपये का वेतन प्राप्त किया है और करीब 45 लाख रुपये की अचल संपत्ति अर्जित की है। इसका जवाब वह दे चुके हैं। लिहाजा, उन्हें जानकारी प्रदान कर दी जाए। हालांकि, सतर्कता अनुभाग की ओर से आयोग के यह संज्ञान में यह बात लाई गई कि अब विभाग को आरटीआइ के दायरे से बाहर कर दिया गया है। जवाब को संतोषजनक पाते हुए आयोग ने अपील का निस्तारण कर दिया।

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