Move to Jagran APP

सरकारी अस्पतालों में तैनात नर्सों ने काली पट्टी बांधकर किया कार्य, दी ये चेतावनी

राज्य के सरकारी अस्पतालों में तैनात नर्सों ने सोमवार को काली पट्टी बांधकर कार्य किया। आगामी 29 सितंबर तक उनका यह विरोध इसी तरह चलता रहेगा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 01:22 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 01:22 PM (IST)
सरकारी अस्पतालों में तैनात नर्सों ने काली पट्टी बांधकर किया कार्य, दी ये चेतावनी

देहरादून, जेएनएन। उत्‍तराखंड के सरकारी अस्पतालों में तैनात नर्सों ने सोमवार को काली पट्टी बांधकर कार्य किया। आगामी 29 सितंबर तक उनका यह विरोध इसी तरह चलता रहेगा। 30 सितंबर से उन्होंने बेमियादी कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है।

loksabha election banner

बता दें कि नर्सों ने 21 सितंबर को सामूहिक अवकाश का ऐलान किया था, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों और उच्चाधिकारियों से सकारात्मक वार्ता के बाद अपना यह फैसला वापस ले लिया था। नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन की प्रांतीय अध्यक्ष मीनाक्षी जखमोला ने मांग की है कि नर्सों को 5400 रुपये का प्रथम ग्रेड पे अनुमन्य किया जाए। साथ ही केंद्र के समान नर्सों का पदनाम परिवर्तित किया जाए। कोरोनाकाल में ड्यूटी करने पर नर्सों का एक दिन का वेतन न काटा जाए और काटे गए वेतन को वापस किया जाए।

चिकित्सक 23 से करेंगे ओपीडी का बहिष्कार

सरकारी डॉक्टर आगामी 23 से 30 सितंबर तक ओपीडी का बहिष्कार करेंगे। इसके बाद भी मांगों पर कार्रवाई नहीं होती है तो 30 सितंबर को आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।

प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी की रविवार को गांधी शताब्दी अस्पताल में बैठक हुई। इस दौरान संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी वेतन कटौती वापस न लिए जाने पर नाराजगी जताई। डॉक्टरों ने कहा कि मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य सचिव और महानिदेशक ने उन्हें वेतन कटौती बंद करने सहित सभी मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक इस संदर्भ में कार्रवाई नहीं हुई है। कैबिनेट में भी इस मामले को नहीं रखा गया। डॉक्टरों ने कहा कि यदि सरकार ने वेतन कटौती वापस नहीं ली और पीजी कर रहे एमबीबीएस चिकित्सकों को पूरा वेतन नहीं दिया गया तो उन्हें मजबूरन बुधवार से ओपीडी बहिष्कार शुरू करना पड़ेगा। उन्होंने मांगों पर जल्द कार्रवाई की मांग की।

यह भी पढ़ें: राज्य आंदोलनकारी काला झंडा लेकर 23 को करेंगे विधानसभा कूच, जानिए क्यों हैं नाराज

प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. नरेश नपल्च्याल और महासचिव डॉ. मनोज वर्मा ने बताया कि जसपुर में चिकित्साधिकारी से अभ्रदता का मामला सुलझ गया है। इसके अलावा अस्पतालों में प्रशासनिक हस्तक्षेप रोकने संबंधी शासनादेश भी मिल गया है। साथ ही प्रशासनिक व विभागीय जांच को लेकर एसओपी बन चुकी है। पर डॉक्टरों की दो प्रमुख मांगें अब भी पूरी नहीं की गई हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पीजी करने गए सरकारी डॉक्टरों को पूरा वेतन देने की घोषणा की थी, लेकिन इस पर अभी तक अमल नहीं हो पाया है। इसे बिना देरी लागू किया जाना चाहिए। इसी तरह 24 घंटे विषम परिस्थितियों में काम करने के बावजूद वेतन कटौती की जा रही है। जिसे तत्काल ही बंद किया जाना चाहिए।

यह भी पढ़ें: निजी डॉक्टरों ने काली पट्टी बांध किया काम, दी यह चेतावानी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.