उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का होगा विस्तार, बढ़ेंंगी वेलनेस सेंटर की संख्या
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को विस्तार देने के लिए सरकार वेलनेस सेंटर खोलने पर जोर दे रही है। इसके तहत प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्रों को वेलनेस सेंटर में बदला जा रहा है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को विस्तार देने के लिए सरकार वेलनेस सेंटर खोलने पर जोर दे रही है। इसके तहत प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्रों को वेलनेस सेंटर में परिवर्तित किया जा रहा है। यानी, यहां प्राथमिक चिकित्सा के साथ ही रक्तचाप, मधुमेह, हृदयरोग व मां-बच्चे के लिए भी स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी। सरकार का लक्ष्य इस वर्ष अंत तक 1030 स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ वेलनेस सेंटर के रूप में परिवर्तित करने का है।
केंद्र सरकार ने पूरे देश में डेढ़ लाख हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर खोलने का लक्ष्य तय किया है। इसके तहत उत्तराखंड में अभी 1900 हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर खोलने को मंजूरी दी जा चुकी है। मौजूदा स्थिति पर नजर डालें तो प्रदेश सरकार ने आमजन को उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदयरोग तथा तीन प्रकार कैंसर यानी स्तन, मुंह व बच्चेदानी के कैंसर की निश्शुल्क जांच व उपचार की व्यवस्था की है।
अभी तक ग्राम स्तर पर 253 स्वास्थ्य केंद्रो उपकेंद्रों में हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर स्थापित किए गए हैं। अभी 209 स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के रूप में उच्चीकृत करने का काम चल रहा है। सरकार ने इन केंद्रों में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों को नियुक्त किया है, जिनमें गैर संचारी रोगों की जांच की जा रही है।
इन वेलनेस सेंटरों में कैंसर आदि अन्य गंभीर बीमारियों की पहचान होने पर उपचार के लिए उच्च चिकित्सालयों में रेफर किए जाने की सुविधा दी जा रही है। सामान्य रोगी को तीन माह के लिए औषधि उसके घर पर ही देने की व्यवस्था भी की गई है। इतना ही नहीं, सरकार अब आयुष केंद्रों को भी वेलनेस सेंटर में परिवर्तित कर रही है।
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इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में योग, नेचुरोपैथी, पंचकर्म आदि की सुविधा दी जा रही है। सचिव स्वास्थ्य डॉ. नितेश कुमार झा का कहना है कि वेलनेस सेंटरों के जरिये सरकार ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने पर फोकस कर रही है। लक्ष्य इस वर्ष 1030 स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ वेलनेस सेंटर के रूप में उच्चीकृत करने का है।
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