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समर्पण भाव: सरस्वती के आंगन को गुरूजी दे रहे हैं संजीवनी

राजकीय प्राथमिक विद्यालय बगेली के शिक्षकों का समर्पण भाव ही है कि यहां आज यहां अच्छी-खासी छात्र संख्या ने कभी बंदी के कगार पर आए स्कूल को संजीवनी देने का कार्य किया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 04:13 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 07:56 PM (IST)
समर्पण भाव: सरस्वती के आंगन को गुरूजी दे रहे हैं संजीवनी
समर्पण भाव: सरस्वती के आंगन को गुरूजी दे रहे हैं संजीवनी

देहरादून, जेएनएन। पहाड़ी क्षेत्रों के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में सिमटती छात्र संख्या और लटकते ताले किसी से छिपे नहीं हैं। ऐसे दौर में पौड़ी जिले के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बगेली के शिक्षकों का समर्पण भाव ही है कि यहां आज यहां अच्छी-खासी छात्र संख्या ने कभी बंदी के कगार पर आए स्कूल को संजीवनी देने का कार्य किया है। मौजूदा समय में ग्रामीण परिवेश वाले इस स्कूल में 56 छात्र-छात्रएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

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थलीसैंण ब्लॉक का राजकीय प्राथमिक स्कूल बगेली वर्ष 2013 में सिमटती छात्र संख्या के चलते बंदी के कगार पर आ गया था। यह सब को देख इस विद्यालय में तैनात हुए प्रधानाध्यापक भारत भूषण शर्मा ने शिक्षिका सीमा के साथ विद्यालय को संवारने का अथक प्रयास किया। इतना ही नहीं छात्र संख्या के बलबूते स्कूल को बंदी के कगार से उभारें, इसके लिए ग्रामीणों के साथ सामंजस्य बनाकर उन्हें अपने पाल्यों को स्कूल में प्रवेश दिलाने के लिए प्रेरित भी किया। आज स्थित ये कि स्कूल साफ-सफाई के मामले में अपनी तस्वीर खुद ब खुद बयां करने वाला है तो बेहतर पठन-पाठन का माहोल शिक्षा को आदर्श बनाए हुए हैं। 

वह बताते हैं कि स्कूल तक पहुंचने के लिए पहले रास्ता बेहद खराब था। तब बच्चों को बीच में पड़ने वाले गदेरे को पार करने के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ती थी। लोगों के सहयोग से गदेरे में पुलिया का निर्माण करवाया। इसके अलावा ग्राम सभा के सहयोग से विद्यालय में बैंच लगवाई और खेल मैदान का निर्माण करवाया। जिला शिक्षा अधिकारी, प्रारंभिक शिक्षा कुंवर सिंह रावत ने बताया कि राप्रावि स्कूल बगेली का निरीक्षण किया तो बेहतर शैक्षणिक माहोल देखने को मिला। दूर गांव के स्कूल में छात्र संख्या भी अच्छी है। छात्र संख्या को देखते हुए आचार संहिता समाप्त होने के बाद यहां एक और शिक्षक की तैनाती की व्यवस्था की जाएगी। 

पांच से 56 पहुंची छात्र संख्या: राप्रावि बगेली के प्रधानाध्यापक भारत भूषण शर्मा बताते हैं कि वर्ष 2013 में स्कूल में छात्र संख्या पांच रह गई थी। जिससे स्कूल पर ताले लटकने की नौबत आ गई थी। अभिभावकों के सहयोग से आज छात्र संख्या 56 पहुंच गई है।

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