बाजार की सुस्ती: आर्थिक मंदी से बढ़ रही है एनपीए खातों की संख्या
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की रिपोर्ट के अनुसार मंदी के चलते राज्य में एनपीए खातों की बढ़ोतरी हो रही है। जिसके चलते बैंक राज्य में ऋण देने में ज्यादा उत्साह नहीं दिखा रही हैं।
देहरादून, जेएनएन। आर्थिक मंदी का असर उत्तराखंड के बैंकों पर भी पड़ रहा है। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की रिपोर्ट के अनुसार मंदी के चलते राज्य में एनपीए खातों की बढ़ोतरी हो रही है। जिसके चलते बैंक राज्य में ऋण देने में ज्यादा उत्साह नहीं दिखा रही हैं। जिसकी वजह से बैंक ऋण वितरण के सालाना लक्ष्य को भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं। जबकि सरकार द्वारा प्रायोजित ऋण योजनाओं में भी ग्राहकों के आवेदन पत्र निरस्त किए जा रहे हैं। लेकिन बैंक अधिकारियों की माने तो बैंक ग्राहकों को सुविधाएं उपलब्ध कराने में निरंतर प्रयासरत है।
छह जिले राज्य अनुपात से भी नीचे
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति उत्तराखंड के वित्तीय वर्ष 2018-19 की समाप्ति तक राज्य में ऋण जमा अनुपात 60 फीसद रहा है। जबकि राज्य के छह जिलों रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा, बागेश्वर व चंपावत का ऋण जमा अनुपात 40 फीसद से कम रहा है। अगर बैंकों के ऋण वितरण की बात करें तो नॉन-फार्म सेक्टर को छोड़ अन्य सभी सेक्टर में बैंक वार्षिक लक्ष्य पूरा करने में पीछे रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2018-19 में बैंकों का वार्षिक ऋण लक्ष्य 20025.54 के सापेक्ष 16915.07 करोड़ रहा है। जो कि 16 फीसद कम है।
ऑटो सेक्टर को दी राहत
भारतीय स्टेट बैंक के उप प्रबंध निदेशक हरिदास केवी ने कहा कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने ऑटो सेक्टर को लोन उपलब्ध कराया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में बैंक ने मारुति सुजुकी, हुंडई समेत अन्य ऑटो मोबाइल कंपनियों से बात की है। इसके अलावा त्योहारों के दौरान भी बैंक ऑटो सेक्टर के लिए तमाम वित्तीय सुविधाएं उपलब्ध कराता रहता है।
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एनपीए को लेकर दवाब नहीं
भारतीय स्टेट बैंक के उप प्रबंध निदेशक हरिदास केवी ने राज्य में एनपीए खातों की बढ़ोतरी पर कहा कि ग्राहक वाजिब वजह लेकर बैंक के पास आए, तो उनके खाते को एनपीए घोषित नहीं किया जाएगा। वाजिब वजह होने से उन्हें ऋण चुकाने के लिए अतिरिक्त समय भी दिया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने बैंकर्स को भी राहत देते हुए कहा कि अगर ग्राहकों को मानक के आधार पर लोन दिया जाएगा तो किसी पर भी कानूनी कार्रवाई नहीं होगी। पूर्व में अभी तक किसी भी निदरेष बैंकर्स पर कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में बैंकर्स और ग्राहक दोनों के मन में डर का माहौल नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंक ग्राहकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत है। ग्राहकों को उच्च स्तरीय सुविधा देने के लिए ही बॉटम ऑफ कंसलटेटिव प्रोसेस से बैंकों के विचारों व कार्य निष्पादन की समीक्षा प्रक्रिया चल रही है।
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