NSUI ने किया उच्च शिक्षा राज्य मंत्री के आवास का घेराव, कहा-अशासकीय कॉलेजों का अनुदान रखें बरकरार
शासकीय कॉलेजों को दिया जाने वाला अनुदान बंद करने के विरोध में छात्रों का प्रदर्शन जारी है। मंगलवार को एनएसयूआइ ने उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत के आवास का घेराव कर अनुदान बरकरार रखने की मांग की।
जागरण संवाददाता, देहरादून। शासकीय कॉलेजों को दिया जाने वाला अनुदान बंद करने के विरोध में छात्रों का प्रदर्शन जारी है। मंगलवार को एनएसयूआइ ने उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत के आवास का घेराव कर अनुदान बरकरार रखने की मांग की। एनएसयूआइ के कार्यकर्ताओं ने कहा कि मांग पूरी नहीं होने तक विरोध जारी रहेगा।
एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी के नेतृत्व में कार्यकर्ता उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत के यमुना कॉलोनी स्थित आवास पहुंचे। यहां कार्यकत्र्ताओं ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर विरोध जताया। आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने उच्च शिक्षा मंत्री का घेराव करने की कोशिश की, लेकिन यहां पहले से ही मौजूद पुलिस बल ने कार्यकर्ताओं को बैरिकेडिंग पर ही रोक लिया। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने वहीं धरना शुरू कर दिया। भंडारी ने कहा कि सरकार ने महाविद्यालयों से छात्र निधि का 50 फीसद पैसा उच्च शिक्षा निदेशालय को स्थानांतरित करने का फैसला किया, जो न्यायसंगत नहीं है।
बताया कि एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी समेत तीन महाविद्यालयों से पौने दो करोड़ रुपये लिए भी जा चुके हैं। उन्होंने इस फैसले को वापस लेने और अब तक लिए जा चुके पैसे वापस करने की मांग उच्च शिक्षा मंत्री से की। कहा सरकार छात्र निधि के पैसे से कार्य करवाकर अपना प्रचार कर रही है। सरकार को अगर महाविद्यालयों की स्थिति में सुधार लाना है तो शिक्षा पर होने वाला खर्चा बढ़ाना चाहिए। इस अवसर पर राष्ट्रीय संयोजक सिया मिनोचा, प्रदेश महासचिव आयुष गुप्ता, जिला अध्यक्ष सौरभ ममगाईं, विशाल भोजक, अभिषेक डोबरियाल, आदित्य बिष्ट, उदित थपलियाल, अंकित बिष्ट आदि मौजूद रहे।
पीआरडी भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने को लेकर प्रदर्शन
प्रांतीय रक्षक दल हित संगठन ने पीआरडी भर्ती प्रक्रिया 2020 को रद करने की मांग को लेकर जिला युवा कल्याण कार्यालय पर प्रदर्शन किया। मुख्य सचिव व खेल मंत्री को पत्र लिखकर नई भर्ती प्रक्रिया को रद कर 2016 की भर्ती के आधार पर नियुक्ति देने की मांग की। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद मंद्रवाल ने कहा कि 2016 में प्रांतीय रक्षक दल में 500 जवानों की राज्य स्तरीय भर्ती की गई थी। पूर्व में प्रशिक्षित कई जवानों का आज तक किसी विभाग में समायोजन नहीं किया गया।