छात्रसंघ चुनावः डीएवी में अपने ही खोद रहे एनएसयूआइ की जड़ें Dehradun News
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) की जड़े बाहरी नहीं अपने ही खोद रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रतिनिधि और अध्यक्ष को पड़े मत तो कुछ यही इशारा कर रहे हैं।
देहरादून, जेएनएन। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) की जड़े बाहरी नहीं, अपने ही खोद रहे हैं। इस बार छात्र संघ चुनाव में दो धड़ों में एका का संदेश मंच से तो दिया गया, लेकिन एनएसयूआइ के परस्पर विरोधी धड़े के अन्य संगठनों के साथ हाथ मिलाने की बात सामने आ रही है। विश्वविद्यालय प्रतिनिधि और अध्यक्ष को पड़े मत तो कुछ यही इशारा कर रहे हैं।
विवि प्रतिनिधि के रूप में एनएसयूआई के राजेश भट्ट 1844 वोट लेकर रिकॉर्ड मतों से जीते, वहीं अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हिमाशु रावत को 1075 मत ही मिले और वह निर्दलीय निखिल शर्मा के हाथों 661 मतों के अंतर से पराजित हुए। अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब एक पोस्टर, एक बैनर और एक ही संगठन के समर्थक अध्यक्ष और विवि प्रतिनिधि का प्रचार कर रहे थे तो दोनों उम्मीदवारों के बीच वोटों का अंतर इतना अधिक कैसे रहा।
पिछले वर्ष भी इसी धड़े ने विवि प्रतिनिधि के रूप में अंजलि चमोली को मैदान में उतारा था और वह भी 1800 से अधिक वोट लेकर विजयी हुई थी। जबकि एनएसयूआइ के अध्यक्ष उम्मीदवार अभाविप से पराजित हो गए थे। इस बार डीएवी कॉलेज में एनएसयूआइ ने अध्यक्ष पद पर हिमांशु रावत को अध्यक्ष पद पर दावेदारी की तैयारी की हुई तो विरोधी धड़ा राजेश भट्ट को उम्मीदवार बनाना चाहता था।
जब दोनों गुटों के विवाद की जानकारी एनएसयूआइ राज्य प्रभारी अनुशेष शर्मा को मिली तो उन्होंने दोनों गुटों एक साथ बैठाकर खुद ही निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया। दोनों गुटों ने मंच पर एक साथ खड़े होकर एका का संदेश भी दिया। डीएवी छात्र संघ चुनाव परिणाम से गुटबाजी को हवा मिल गई। हालांकि एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने गुटबाजी ने इन्कार किया।
अभाविप का 237 पदों पर जीत का दावा
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने दावा किया है कि छात्र संघ चुनाव के दौरान उन्होंने 336 पदों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे, उनमें से 237 में उन्हें कामयाबी मिली। अभाविप के प्रदेश छात्रसंघ कार्य प्रमुख संकेत नौटियाल ने संगठन के करनपुर स्थित कार्यालय में प्रेसवार्ता में बताया कि उन्होंने प्रदेश के 77 कॉलेजों में अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 46 पर उसे कामयाब मिली है।
यह भी पढ़ें: डीबीएस पीजी कॉलेज में लगातार तीसरी बार एबीवीपी का अध्यक्ष Dehradun News
इसी प्रकार उपाध्यक्ष पर 42 कॉलेजों में उनके उम्मीदवार विजयी हुए हैं। सचिव पद पर 35, सहसचिव पद पर 37 कोषाध्यक्ष पद पर 34 व विवि प्रतिनिधि पद पर 43 प्रत्याशी विजयी हुए हैं। उन्होंने कहा कि अभाविप ने अधिकतर महाविद्यालयों में छात्र हितों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। इस मौके पर गढ़वाल संयोजक अमित धनौला आदि मौजूद रहे।
यह भी पढ़ें: छात्रसंघ चुनाव: डीएवी पीजी कॉलेज में अभाविप को बागी ले डूबे