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अब नक्शा पास कराने को नहीं काटने होंगे चक्कर, मिली ये सुविधा

एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ आशीष कुमार ने नक्शे की एनओसी ऑनलाइन देने के निर्देश दिए हैं। जिससे जनता का काम जल्दी हो सकेगा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 11 Aug 2018 03:41 PM (IST)Updated: Sat, 11 Aug 2018 03:41 PM (IST)
अब नक्शा पास कराने को नहीं काटने होंगे चक्कर, मिली ये सुविधा
अब नक्शा पास कराने को नहीं काटने होंगे चक्कर, मिली ये सुविधा

देहरादून, [जेएनएन]: घर, दुकान, कांप्लेक्स या अपार्टमेंट आदि का नक्शा पास कराने के लिए अब एमडीडीए के बार-बार चक्कर नहीं लगाने होंगे। इस मामले में होने वाली देरी को दूर करने को एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार ने नक्शे की एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) ऑनलाइन देने के निर्देश दिए हैं। उपाध्यक्ष ने एमडीडीए अधिकारियों को निर्देश दिया कि नक्शे की एनओसी अब सभी विभागों को ऑनलाइन भेजी जाए, ताकि जनता का काम जल्द हो सके। 

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शुक्रवार को एमडीडीए (मसूरी देहरा विकास प्राधिकरण) की मासिक समीक्षा में उपाध्यक्ष डॉ. कुमार ने सबसे पहले नक्शों को लेकर हो रही देरी पर एतराज जताया। उन्होंने कहा कि जनता को बेवजह चक्कर कटाने की प्रवृत्ति दूर की जाए। डॉ. कुमार को लंबे समय से ऐसी शिकायतें मिल रही थीं, जिनमें विभागीय अधिकारी जानबूझकर नक्शे पास करने में देरी कर रहे थे। उन्होंने बैठक में उन सभी विभागों के अधिकारियों से भी सवाल-जवाब किए जिन विभागों से एमडीडीए को एनओसी की जरूरत पड़ती है।

उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था में नक्शों की मंजूरी की प्रक्रिया तय समय में पूरी हो जाएगी। उन्होंने अन्य विभागों की समीक्षा भी की। अवैध निर्माण पर कार्रवाई और विवादों के मामलों का त्वरित गति से निस्तारण करने के निर्देश भी दिए। निलंबित वादों पर अधिकारियों से वार्ता की व उन्हें निस्तारित करने के आदेश दिए। आवासीय योजनाओं और उनकी स्थिति पर भी बैठक में चर्चा हुई। समीक्षा बैठक में प्राधिकरण सचिव पीसी दुमका, अधीक्षण अभियंता अनिल त्यागी, संयुक्त सचिव एसएस नेगी, अधीक्षण अभियंता संजीव जैन, सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर संजीवन सूथा समेत नगर निगम, पीडब्लूडी, अग्नीशमन विभाग व वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। 

ये होगी नई व्यवस्था 

एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ. कुमार ने बताया कि नक्शे पास करने की नई व्यवस्था में प्राधिकरण अपने ऑनलाइन मैप अप्रूवल सिस्टम में सभी विभागों के लिए एक सिस्टम तैयार करेगा। सभी विभागों से एनओसी लेने के लिए एक अधिकृत नोडल अधिकारी तैनात किया जाएगा। उक्त सिस्टम में एक लॉगइन बनाया जाएगा। किसी विभाग से एनओसी  की जरूरत होने पर उस विभाग के नोडल अधिकारी के ई-मेल पर एक ई-मेल चला जाएगा। साथ ही उसके मोबाइल नंबर पर भी मैसेज चला जाएगा एवं प्राधिकरण द्वारा उसके लॉगइन पर संबंधित फाइल से जुड़े सभी प्रपत्र उपलब्ध करा दिए गए हैं। इससे पत्राचार में लगने वाले वक्त में बचत होगी और एनओसी का तत्काल निस्तारण किया जाएगा।   

समय किया जाएगा निर्धारित 

प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने एनओसी के लिए समय-सीमा निर्धारित करने की बात कही। उन्होंने बताया कि एक निश्चित समयावधि तय की जाएगी, जिससे नक्शे का निस्तारण करने में तेजी आएगी। सभी निलंबित नक्शे का संज्ञान लेकर उपाध्यक्ष ने अधिकारियों को तुरंत इनका निस्तारण करने का निर्देश दिया। 

एमडीडीए में स्पेशल ऑडिट मामले से कार्मिकों में बेचैनी 

मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के पांच साल के कार्यों के स्पेशल ऑडिट मामले के तूल पकड़ने के साथ ही अधिकारियों व कर्मचारियों में बेचैनी भी बढऩे लगी है। हालांकि, जिस वित्त विभाग को यह ऑडिट कराना है, उसे अभी तक इस सिलसिले में कोई आदेश नहीं मिले हैं। वित्त सचिव के अनुसार आदेश मिलने के बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि किसी विशेष बिंदु अथवा योजना का ऑडिट होना है अथवा संपूर्ण कार्यों का। 

एमडीडीए के स्पेशल ऑडिट के संबंध में छह अगस्त को आवास सचिव की ओर से आदेश जारी होने की खबरों के बाद से प्राधिकरण में खासी हलचल है। बताया गया कि शहरी विकास मंत्री के आग्रह के बाद मुख्यमंत्री ने स्पेशल ऑडिट कराने को हरी झंडी के बाद ये आदेश जारी किए गए। ऐसे में कार्मिकों में बेचैनी भी साफ देखी जा रही है। प्राधिकरण के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं, जबकि आवास सचिव राज्य से बाहर हैं। 

हालांकि, एमडीडीए में वर्ष 2015-16 तक के कार्यों का कैग ऑडिट कर चुका है और इसके बाद के वर्षों का ऑडिट अभी नहीं हुआ है। बता दें कि 2015-16 के बाद भी एमडीडीए ने तमाम योजनाओं पर कार्य किया और कई मामलों में प्राधिकरण की भूमिका को लेकर सवाल भी उठे। सूरतेहाल, प्राधिकरण के कार्मिकों में धुकधुकी लगातार बढ़ रही है। 

वहीं, अभी तक स्पेशल ऑडिट के संबंध में कोई आदेश वित्त विभाग में अभी तक नहीं पहुंचे हैं। सचिव वित्त अमित नेगी के अनुसार आदेश मिलने के बाद ही वित्त विभाग की ओर से ऑडिट के सिलसिले में आगे की कार्रवाई की जाएगी। वैसे भी एमडीडीए का 2016-17 और 2017-18 के कार्यों का ऑडिट होना है। यदि पांच साल का स्पेशल ऑडिट होना है तो इसी में इन दो वषों को भी शामिल कर लिया जाएगा। 

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