अब 16300 रह जाएगी उत्तराखंड में गांवों की संख्या, जानिए
उत्तराखंड में अब गांवों की संख्या 16304 रह जाएगी। क्योंकि नगर निकायों के परिसीमन में प्रदेश के करीब 370 गांवों के शहरों का हिस्सा बन जाएंगे।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। नगर निकायों के परिसीमन में प्रदेश के करीब 370 गांवों के शहरों का हिस्सा बनने के बाद अब गांवों की संख्या 16304 रह जाएगी। इसके साथ ही नए सिरे से होने वाले पुनर्गठन में ग्राम पंचायतों की संख्या में भी कमी आना तय है। बदली परिस्थितियों को देखते हुए पंचायती राज विभाग अब ग्राम ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायतों के पुनर्गठन व परिसीमन की कवायद में जुट गया है। यह सिलसिला 26 नवंबर से प्रारंभ होगा। इसके साथ ही अगले साल प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए कसरत शुरू कर दी गई है।
नगर निकायों के परिसीमन के बाद अब गांवों को लेकर तस्वीर करीब-करीब साफ हो गई है। 40 नगर निकायों में 345 गांव शामिल किए गए हैं, जबकि रुड़की नगर निगम में 24 गांवों को सम्मिलित करने का प्रस्ताव है। जाहिर है कि इस सबके चलते त्रिस्तरीय पंचायतों (ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायत) का आकार भी घटना-बढ़ना तय है। इसे देखते हुए त्रिस्तरीय पंचायतों के पुनर्गठन की कवायद प्रारंभ कर दी गई है। इस संबंध में पंचायती राज विभाग की ओर से शासनादेश भी निर्गत कर दिया गया है।
ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन में इनकी संख्या कम होना तय है। राज्य में ग्राम पंचायतों की संख्या 7950 है, लेकिन अब बदली परिस्थितियों में इनकी संख्या भी घटेगी। फिर इसी के अनुरूप क्षेत्र व जिला पंचायतों का भी पुनर्गठन-परिसीमन होना है। अपर सचिव पंचायती राज एचसी सेमवाल के मुताबिक ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन से संबंधित 26 नवंबर से 24 दिसंबर तक चलेगा। इसी प्रकार 26 दिसंबर से आठ जनवरी तक क्षेत्र व जिला पंचायतों का पुनर्गठन होगा। उन्होंने बताया कि परिसीमन की कार्रवाई ग्राम पंचायतों में 26 नवंबर से 24 दिसंबर तक चलेगी। इसके बाद 26 दिसंबर से आठ जनवरी तक क्षेत्र व जिला पंचायतों के परिसीमन से संबंधित कार्य होंगे।
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