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देवभूमि में अब संस्कृत में भी लिखे जाएंगे रेलवे स्टेशनों के नाम

रेलवे स्टेशनों पर लगे साइन बोर्ड में अब संस्कृत में भी स्टेशनों का नाम अंकित किया जाएगा। यह व्यवस्था रेलवे बोर्ड के नियमों के मुताबिक की जा रही है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 04:42 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 04:42 PM (IST)
देवभूमि में अब संस्कृत में भी लिखे जाएंगे रेलवे स्टेशनों के नाम
देवभूमि में अब संस्कृत में भी लिखे जाएंगे रेलवे स्टेशनों के नाम

देहरादून, जेएनएन। प्रदेश के सभी रेलवे स्टेशनों पर लगे साइन बोर्ड में अब संस्कृत में भी स्टेशनों का नाम अंकित किया जाएगा। यह व्यवस्था रेलवे बोर्ड के नियमों के मुताबिक की जा रही है। इसके लिए मुरादाबाद डिवीजन की सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर संस्कृत में नाम लिखने की अनुमति मांगी है। 

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उत्तराखंड के सभी रेलवे स्टेशनों के साइन बोर्ड पर अभी तक हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में स्टेशन का नाम लिखा दिखता है, लेकिन अब सभी स्टेशनों पर उर्दू की जगह उत्तराखंड की दूसरी राजभाषा संस्कृत में स्टेशन का नाम लिखा मिलेगा। इसके लिए मुरादाबाद डिवीजन के डीआरएम तरुण प्रकाश ने डिवीजन के अंर्तगत आने वाले सभी स्टेशनों पर उत्तराखंड की दूसरी राजभाषा में नाम लिखने को कहा। इसे अमल में लाते हुए डिवीजन की सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर अनुमति मांगी है। 

देहरादून रेलवे स्टेशन के मुख्य वाणिज्य निरीक्षक एसके अग्रवाल ने बताया कि रेलवे बोर्ड के नियमानुसार साइन बोर्ड पर हिंदी और अंग्रेजी के अलावा दूसरी राजभाषा में नाम लिखने का प्रावधान है। उत्तराखंड में संस्कृत को दूसरी प्रमुख राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। ऐसे में मुरादाबाद डिवीजन के अंर्तगत आने वाले सभी रेलवे स्टेशनों पर उर्दू की जगह संस्कृत में स्टेशन का नाम लिखा जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। सभी जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिख दिया गया है। राज्य सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद इस पर तेजी से कार्य किया जाएगा। 

आदर्श ग्राम योजना से संवरेगी 17 गांवों की तस्वीर 

केंद्र की योजना के तहत समाज कल्याण विभाग अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों की सूरत संवारेगा। दून के 17 गांवों को बेहतर सुविधाओं और संसाधनों से लैस किया जाएगा। इसकी कवायद भी शुरू हो गई है। इस संबंध में सोमवार को विकासनगर में चयनित गांवों के प्रतिनिधियों और अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक भी की जा रही है। 

50 फीसद से अधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले गांवों को विकसित करने और सुदृढ़ बनाने के लिए प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना चलाई जा रही है। जिसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी समाज कल्याण विभाग को सौंपी गई है। देहरादून में योजना के तहत ब्लॉकवार 17 गांवों का चयन किया गया है। जिसमें चकराता ब्लॉक से सात गांव, कालसी से पांच, विकासनगर से दो और सहसपुर से तीन गांव शामिल हैं। योजना के तहत अनुसूचित जाति के परिवारों को शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा आदि की बेहतर सुविधा मुहैया कराई जाएगी। 

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जिला समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पांडेय ने बताया कि योजना को लेकर सभी संबंधित अधिकारियों और ग्राम प्रधान, पंचायत प्रतिनिधियों को सूचित कर दिया है। विकास नगर में सोमवार को आयोजित बैठक में योजना की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इस योजना के लिए प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी आर्टिवा कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड को दी गई है। 

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योजना का लक्ष्य 

- गरीबी उन्मूलन, तीन वर्ष के भीतर कम से कम 50 फीसद तक इसके प्रसार में कमी। 

-कम से कम माध्यमिक स्तर तक शिक्षा पूरी करना। 

-मातृत्व और शिशु मृत्यु दर के सभी कारणों का समाधान। 

-कुपोषण, विशेषकर बच्चों और महिलाओं को ध्यान में रख समाप्त करना। 

-पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा, ग्रामीण सड़कों की मरम्मत, आवास, विद्युत, स्वच्छ ईंधन, कृषि पद्धतियों का विकास आदि। 

-वित्तीय समावेश, डिजिटलीकरण, जीवन यापन और कौशल विकास। 

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