Move to Jagran APP

क्या होगा कॉलेज का ड्रेस कोड अब इसका फैसला छात्रों के हाथ

उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने कहा कि जिन संस्थानों में अभी तक ड्रेस कोड लागू नहीं हुआ है, वहां सर्वे या मतदान के जरिए रायशुमारी की जाएगी और बहुमत के आधार पर फैसला लिया जाएगा।

By raksha.panthariEdited By: Published: Sun, 03 Sep 2017 02:02 PM (IST)Updated: Sun, 03 Sep 2017 09:06 PM (IST)
क्या होगा कॉलेज का ड्रेस कोड अब इसका फैसला छात्रों के हाथ
क्या होगा कॉलेज का ड्रेस कोड अब इसका फैसला छात्रों के हाथ

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों के लिए ड्रेस कोड को लेकर सरकार के रुख में बदलाव आया है। देहरादून के डीएवी पीजी कॉलेज समेत जिन संस्थानों में अभी तक ड्रेस कोड लागू नहीं हुआ है, वहां सर्वे अथवा मतदान के जरिए रायशुमारी की जाएगी और बहुमत के आधार पर फैसला लिया जाएगा। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने बताया कि छात्रसंघ चुनाव निबटने के बाद अक्टूबर के पहले सप्ताह में यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी। 

loksabha election banner

भाजपा मुख्यालय में जनता दरबार के बाद पत्रकारों से मुखातिब राज्यमंत्री डॉ. रावत ने दावा किया कि राज्य के अधिकांश महाविद्यालयों में ड्रेस कोड लागू हो चुका है। उन्होंने कहा कि जिन महाविद्यालयों में यह लागू नहीं हुआ है, वहां रायशुमारी से फैसला होगा। जहां भी ड्रेस कोड के पक्ष में 51 फीसद विद्यार्थी होंगे, वहां इसे लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोशिश ये रहेगी कि ड्रेस एक हजार रुपये की सीमा के अंदर हो, ताकि सभी विद्यार्थी इसे वहन कर सकें। 

दीक्षांत पोशाक को भी मतदान 

डॉ.रावत ने कहा कि दीक्षांत पोशाक के निर्धारण के लिए भी मतदान होगा। उन्होंने बताया नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (एनआइएफटी) से दीक्षांत समारोह के लिए तीन ड्रेस बनवाई गई हैं। प्रत्येक विवि में यह तीनों उपलब्ध कराई जाएंगी और फिर इनमें से एक के चयन के लिए विद्यार्थियों के बीच रायशुमारी की जाएगी। बहुमत के आधार पर एक ड्रेस फाइनल होगी और अगले साल से इसे अमल में लाया जाएगा। 

आधार से लिंक होंगे डिग्री-अंकपत्र 

एक सवाल पर डॉ.रावत ने कहा कि उच्च शिक्षा में पारदर्शिता की कड़ी में डिग्री और अंकपत्र को आधार लिंक किया जा रहा है। ताकि, इसमें गड़बड़ी की कोई आशंका ही न रहे। उन्होंने दावा किया कि इस मर्तबा 95 फीसद आवेदन ऑनलाइन हुए हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि परीक्षा में कापियों का मूल्यांकन अब केंद्रों में ही होगा। कोई भी परीक्षक कॉपी घर नहीं ले जा सकेगा। 

...बीमार पड़ गए 88 प्रोफेसर 

डॉ.रावत ने खुलासा किया कि हाल में 172 प्रोफेसरों के तबादला आदेश निर्गत किए गए तो इनमें से 88 ने यह कहकर तबादला रद करने का आग्रह किया कि वे बीमार हैं। इस पर जब निदेशक को मेडिकल बोर्ड बैठाने को लिखा गया तो 88 में 60 ने ज्वाइनिंग दे दी। शेष के संबंध में बोर्ड बैठाया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि सभी महाविद्यालयों में प्राचार्यों की तैनाती को कसरत चल रही है और अब तक 13 में तैनाती की जा चुकी है। 

विश्व बैंक व एडीबी की शरण में सरकार 

सरकारी महाविद्यालयों को भवन मुहैया कराने के मद्देनजर सरकार विश्व बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) की शरण में जा रही है। उच्च शिक्षा मंत्री के मुताबिक इस संबंध में 200 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट दोनों संस्थाओं को भेजे जा चुके हैं। इस राशि से भवनों का निर्माण कराया जाएगा। प्रोजेक्ट के तहत 50 फीसद अनुदान अथवा संपूर्ण अनुदान या फिर बतौर कर्ज यह राशि मुहैया कराने का आग्रह किया गया है। 

निजी विवि भी करेंगे मदद 

सरकार ने राज्य के 22 विश्वविद्यालयों से भी आग्रह किया है कि वे सरकारी महाविद्यालयों के भवन निर्माण में सहयोग दें। इस कड़ी में ये विवि एक-एक महाविद्यालय को गोद लेकर अपने लाभांश का पांच से 10 फीसद हिस्सा भवन निर्माण में खर्च करेंगे। 

साक्षरता की स्थिति जांचेगा मुक्त विवि 

उच्च शिक्षा मंत्री के मुताबिक मुक्त विश्वविद्यालय राज्य के गांवों का सर्वे कर साक्षरता की स्थिति की पड़ताल करने के साथ ही निरक्षरों को साक्षर करेगा। कोशिश ये है कि 2019 तक गांव का प्रत्येक व्यक्ति साक्षर हो जाए और साक्षरता के मसले पर उत्तराखंड केरल से आगे निकल जाए। 

नियुक्ति में आयु सीमा का बंधन होगा दूर 

राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों के 350 पदों पर होने वाली नियुक्तियों में सरकार आयु सीमा का बंधन समाप्त करने जा रही है। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि नेट, पीएचडी करने में कई मर्तबा अभ्यर्थियों को 40 साल लग जाते हैं। ऐसे में नियुक्ति के लिए 42 साल की उम्र का प्रावधान होने के कारण उनकी प्रतिभा का लाभ नहीं मिल पाता। इसे देखते हुए सरकार उम्र की सीमा समाप्त करने जा रही है। हालांकि, 877 पदों पर जारी भर्ती प्रक्रिया में 42 वर्ष ऊपरी आयु सीमा का प्रावधान यथावत रहेगा। इसके अलावा पीजी में 55 फीसद अंकों की अनिवार्यता को 45 फीसद पर लाया जा रहा है। राज्य के मूल निवासियों को नियुक्तियों में 10 अंकों का अधिमान भी दिया जाएगा। 

यह भी पढ़ें: छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी ने सभी को दी धोबी पछाड़, भाग्यश्री बनी अध्यक्ष

यह भी पढ़ें: डीबीएस में मिली जीत से एबीवीपी को संजीवनी, योगेश घाघट बने अध्यक्ष

यह भी पढ़ें: छात्रसंघ चुनाव: अभाविप को चित कर बागी शिवम बने अध्यक्ष

यह भी पढें: एमकेपी छात्रसंघ चुनाव: एनएसयूआर्इ ने किया क्लीन स्वीप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.