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अब स्कूली बच्चे भी लिख सकेंगे मन की बात, जानिए कैसे

पौड़ी जिले में जल्द ही बच्चे अपनी मन की बात लिखकर प्रधानाचार्य को सौंप सकेंगे। इसका एक मुख्य उद्देश्य उनका ज्ञान वर्धन करना भी है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 23 Nov 2018 03:44 PM (IST)Updated: Fri, 23 Nov 2018 03:44 PM (IST)
अब स्कूली बच्चे भी लिख सकेंगे मन की बात, जानिए कैसे
अब स्कूली बच्चे भी लिख सकेंगे मन की बात, जानिए कैसे

पौड़ी, गुरुवेंद्र नेगी। सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो बहुत जल्द जनपद के सभी सरकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक स्कूलों के बच्चे भी अपनी बात लिख सकेंगे। बच्चे माह में कभी भी मन की बात लिखकर एक पत्र में संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक को सौंपेंगे। इसमें बच्चे स्कूल के अलावा स्थानीय पर्यावरण, सांस्कृतिक धरोहर, निजी, पौराणिक आदि बातों का जिक्र कर सकेंगे। 

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शिक्षा विभाग ने बाल शोध मेले के तहत यह कार्ययोजना बनाई है। जिसके तहत बच्चों में नेतृत्व क्षमता, संकोच को दूर करना, स्थानीय परिपेक्ष में जानकारियों का होना, पौराणिक सांस्कृतिक विरासतों का ज्ञान बढ़ाने आदि तथ्यों को लेकर योजना को अंतिम रूप दिया है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक बच्चे अपनी मन की बात में अपनी निजी बात भी लिख सकेंगे। 

अगर बच्चे को स्कूल में किसी पाठन-पाठन सामग्री की आवश्यकता है तो उसका भी मन की बात में जिक्र कर सकता है। खास बात यह है कि ऐसी सभी बातों को लिखकर स्कूली बच्चे विद्यालय के प्रधानाध्यापक को सौंपेंगे। इसके पीछे की मंशा विभाग बच्चों को स्थानीय ज्ञान की प्राप्ति और उस दिशा में ज्ञान अर्जन के अलावा उसे एक मंच प्रदान करने की दिशा में उठाया गया कदम मान रहे हैं।  

छात्र-छात्राओं की लिखी तमाम बातों पर एसएमसी की बैठक में भी कुछ स्तरीय निर्णय लिए जा सकेंगे। फिलवक्त इस दिशा में शिक्षा विभाग ने ब्लॉक स्तर पर तैनात सभी उप शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। 

जनपद में स्कूलों की मौजूदा तस्वीर 

कुल सरकारी प्राथमिक स्कूल- 1477 

छात्र-छात्राओं की संख्या- 25763 

कुल उच्च प्राथमिक स्कूल- 285 

छात्र-छात्राओं की संख्या- 19743 

जिला शिक्षाधिकारी प्रारंभिक शिक्षा कुंवर सिंह ने बताया कि बाल शोध मेले के तहत यह कार्ययोजना बनाई गई है। इससे बच्चों में नेतृत्व क्षमता बढ़ाने के अलावा उनमें संकोच पन दूर होगा। पाठन-पाठन के अलावा अन्य जानकारियों से भी बच्चे रुबरु होंगे। इतना ही नहीं पठन-पाठन से संबंधित कोई सामग्री चाहिए तो वे मन की बात में लिख सकते हैं। 

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