यहां रैगिंग रोकने को अब सीनियर करेंगे 'पहरेदारी', जानिए क्या है पूरा मामला
रैगिंग की चर्चाओं के बीच दून मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने नई पहल की है। ऐसी किसी भी घटना को रोकने के लिए अब सीनियर ही पहरेदार होंगे।
देहरादून, जेएनएन। दून मेडिकल कॉलेज में रैगिंग की चर्चाओं के बीच कॉलेज प्रशासन ने नई पहल की है। ऐसी किसी भी घटना को रोकने के लिए अब सीनियर ही 'पहरेदार' होंगे। कॉलेज प्रशासन ने छात्र और छात्राओं की अलग-अलग समिति गठित कर दी है, जिन्हें मेंटर नाम दिया गया है। यह लोग छात्रावास की प्रतिदिन की रिपोर्ट वॉर्डन को देंगे।
रैगिंग का कथित मामला सामने आने के बाद दून मेडिकल कॉलेज प्रशासन फूंक-फूंककर कदम रख रहा है। प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना का कहना है कि न केवल छात्रों बल्कि सुरक्षा गार्ड और वॉर्डन से भी इस विषय पर अलग बात की गई है। इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए। पर प्रथम दृष्टया ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है कि रैगिंग हुई है। इसके बावजूद एहतियातन पांच सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी गई है।
गुरुवार को एंटी रैगिंग कमेटी, वार्डन और संकाय सदस्यों ने सुझाव दिया कि ऐसी किसी भी घटना को रोकने सीनियर छात्रों की भी मदद ली जाए। उनकी समिति गठित करने को कहा गया। यह समिति प्रतिदिन की रिपोर्ट वॉर्डन को देगी। पुरुष छात्रावास और महिला छात्रावास के लिए अलग-अलग तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है।
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आपसी समन्वय की पहल
सीनियर और जूनियर छात्रों के बीच आपसी समन्वय स्थापित करने के लिए अब कॉलेज स्तर पर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। यह नवाचार छात्रों में भाईचारे का भाव पैदा करने और रैगिंग जैसी घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से किया जाएगा। इस पहल से कॉलेज कैंपस में रैगिंग जैसी घटनाओं पर तो विराम लगेगा। साथ ही आपसी सहयोग की भावना के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से शैक्षणिक वातावरण तैयार हो सकेगा।
रतजगा कर रहे शिक्षक-प्राचार्य
कॉलेज में रैगिंग की चर्चाओं के बीच अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है। खुद प्राचार्य रात में छात्रावास का औचक निरीक्षण कर रहे हैं। बुधवार रात भी प्राचार्य ने पुरुष और महिला छात्रावास का निरीक्षण किया व छात्रों से बात की। छात्रों को सख्त ताकीद की कि इस तरह की किसी भी घटना में लिप्त पाए जाने पर उनपर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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