अब एसडीआरएफ भी निपट सकती है सीबीआरएन से जुड़ी आपदाओं से
एसडीआरएफ अब प्राकृतिक आपदा के अलावा राज्य में रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (सीबीआरएन) से जुड़ी आपदाओं से निपटने के लिए भी तैयार है।
देहरादून, [जेएनएन]: गैस रिसाव हो या फिर रेडियोएक्टिव से जुड़ी आपदा, ऐसे किसी भी हालात से अब एसडीआरएफ निपट सकेगी। एसडीआरएफ की 14 सदस्यीय टीम ने एनडीआरएफ दिल्ली में सीबीआरएन का प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। प्रशिक्षण प्राप्त टीम अब राज्य में दूसरी टीमों को प्रशिक्षित करेगी।
प्राकृतिक आपदा के अलावा राज्य में रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (सीबीआरएन) से जुड़ी आपदाओं की भी संभावनाएं बनी रहती हैं। इसके कई मामले सामने भी आ चुके हैं। दून के राजपुर रोड स्थित जल संस्थान के टैंक में दो बार गैस रिसाव, हरिद्वार सिडकुल में पेंट की फैक्ट्री में आग लगने समेत कई घटनाएं राज्य में घट चुकी हैं। इससे निपटने को अभी तक फायर सर्विस के अलावा कोई संसाधन व टीम नहीं थी। मगर अब एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स) ने एनडीआरएफ, एनडीएमए और सेना की तर्ज पर सीबीआरएन से जुड़ी आपदा से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है।
प्रथम चरण में 14 सदस्यीय एसडीआरएफ के दल को दिल्ली स्थित एनडीआरएफ के ट्रेनिंग कैंप में इसका प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण लेने वाले टीम के सदस्य अब राज्य में मास्टर ट्रेनर की भूमिका निभाएंगे, जो आने वाले समय में एसडीआरएफ की दूसरी टीमों को प्रशिक्षित करेंगे। दिल्ली के बाद पहाड़ी राज्यों में अकेला उत्तराखंड सीबीआरएन से निपटने में सक्षम होगा। इसका लाभ पड़ोसी राज्य उप्र और हिमाचल प्रदेश को भी मिलेगा।
20 लाख से खरीदेंगे उपकरण
एसडीआरएफ ने सीबीआरएन से निपटने के लिए उपकरणों की खरीदारी शुरू कर दी है। इसके लिए 20 लाख रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है। इसी वित्तीय वर्ष में यह उपकरण खरीदे जाएंगे। प्रशिक्षण के बाद छह माह के भीतर सेल्फ कंटेंट की चार सदस्यीय टीम ऐसी आपदा संभावित क्षेत्रों में तैनात की जाएगी।
आइजी एसडीआरएफ संजय गुंज्याल का कहना है कि प्रदेश में गैस रिवास या कैमिकल से जुड़ी दूसरी घटनाएं हो चुकी हैं। भविष्य में ऐसी घटनाओं को नियंत्रित करने में एसडीआरएफ पूरी तरह से सक्षम होगी। इसके लिए उपकरण खरीदने के साथ ही ट्रेनिंग दी जाएगी।
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