जेईई एडवांस को अब कम दिन बाकी, ऐसे तराशें अपना ज्ञान
ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) एडवांस में अब कुछ ही दिन बचे हैं। इस समय छात्रों को चाहिए कि पढाई अवरोही क्रम यानी डिसेंडिंग ऑॅर्डर में करते चलें।
देहरादून, जेएनएन। 27 सितंबर को होने जा रही ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) एडवांस में अब कुछ ही दिन बचे हैं। इस समय छात्रों को चाहिए कि पढाई अवरोही क्रम यानी डिसेंडिंग ऑॅर्डर में करते चलें। इस समय क्वालिटी स्टडी के साथ रिवीजन भी जरूरी है। एग्जाम नजदीक आते ही रिवीजन पर खास ध्यान दें और अपनी पढ़ाई के साथ खुद पर भरोसा रखें। स्टडी शेड्यूल, मॉक टेस्ट, टाइम मैनेजमेंट, स्पीड एक्यूरेसी के साथ ही अपने स्वास्थ्य का भी ख्याल रखें। जहां भी गलती हो रही हैं, उन्हें सुधारें। यानी जिस भी टॉपिक में कमजोर हैं, उस पर खास ध्यान दें और अपने कॉन्सेप्ट को विकसित करें।
अविरल क्लासेज के निदेशक डीके मिश्रा के अनुसार इस परीक्षा के लिए आप कितने घंटे पढते हैं, यह महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि आप इन दिनों का उपयोग करते हुए किस तरह की स्टडी करते हैं। आप धीरे-धीरे पढाई के घंटे कम करते जाएं और रिलेक्स होने की कोशिश करें। अक्सर छात्र पहले कम पढ़ते हैं और परीक्षा नजदीक आने पर ज्यादा पढ़ाई शुरू कर देते हैं। इस तरह की तैयारी सफलता नहीं दिला सकती है। आपकी प्रॉब्लम सॉल्विंग कैपेसिटी तभी बेहतर रह सकती है, जब आप परीक्षा के कुछ दिन पहले से रिलेक्स मूड में पढाई करेंगे। सिर्फ शॉर्ट नोट्स से रिवीजन और मॉक टेस्ट निर्धारित समय में हल करें। गणित में फॉर्मूला बेस्ड कुछ चैप्टर होते हैं। इसका खूब रिवीजन करें। परीक्षा हॉल में भी पहले आसान प्रश्न हल करें और कठिन प्रश्न अंत में। शुरुआत में कठिन प्रश्नों को हल करने से बचें। सभी प्रश्न संयम रखकर हल करें। कभी भी धर्य न खोएं।
बलूनी क्लासेज के प्रबंध निदेशक विपिन बलूनी के अनुसार इंजीनियरिंग की दोनों परीक्षाओं (जेईई मेन व जेईई एडवांस) में काफी अंतर है। जो छात्र जेईई मेन में बेहतर करते हैं, जरूरी नहीं कि इस तैयारी की बदौलत वह एडवांस में भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे। एडवांस में प्रश्न कांसेप्ट बेस्ड रहते हैं। किसी भी प्रॉब्लम को एनालिटिकल तरीके से सोचने और प्रॉब्लम सॉल्विंग कैपिसिटी इस परीक्षा में खास अहमियत रखता है। इस कारण अंतिम वक्त पर हरेक टॉपिक पर विशेष ध्यान दें।
जेईई एडवांस के स्तर के सवालों के लिए अधिक से अधिक अभ्यास जरूरी है। इससे आपकी तार्किक और विश्लेषणात्मक क्षमता में इजाफा होता है। अंतिम वक्त पर अपने ऊपर ज्यादा बोझ न डालें। काम में अपनी सर्वश्रेष्ठ विश्लेषणात्मक शक्ति का इस्तेमाल करें और अपनी तैयारी में पूरा भरोसा रखें। याद रखें कि सिर्फ खर्च किए गए समय की मात्रा ही नहीं, बल्कि गुणवत्ता भी बहुत मायने रखती है। अपने भीतर शांति, स्थिरता, आत्मविश्वास और एकाग्रता की ताकत को बढ़ाने के लिए योग व ध्यान का सहारा लें। एग्जाम के समय एकाग्रता बनाए रखें और सकारात्मक ढंग से सोचें।
ऐसे तराशें अपना ज्ञान
- पिछले सालों के पेपर देखें और पेपर व पाठ्यक्रम देखकर सवाल हल करने की कोशिश करें। इससे कठिनाई की जानकारी मिलेगी। साथ में किन टॉपिक्स की तैयारी करनी है, स्पष्ट हो जाएगा।
- सैंपल पेपर से अभ्यास करें। इससे अपनी तैयारी पता चलेगी और समझ आएगा कि और कितनी मेहनत करनी है। अपनी तैयारी का विश्लेषण भी कर पाएंगे।
- सिर्फ नोट्स पर निर्भर रहने की जगह व्यापक स्तर पर चीजों को समझें, किताबों का सहारा लें। डिटेल स्टडी से टॉपिक में आ रही समस्या के समाधान में मदद मिलेगी। कॉन्सेप्ट मजबूत होगा।
- विश्लेष्णात्मक सवालों व टॉपिक्स पर ज्यादा ध्यान दें। सवालों को लेकर शंका समाधान में मदद मिलेगी। संख्यात्मक पार्ट नियमित अंतराल पर हल करें।
- सभी विषय पढ़ने व कवर करने के लिए टाइम टेबल तैयार करें। समय कम में ज्यादा कोर्स करने के लिए इससे मदद मिलेगी। हर विषय को समय दें।
- भले दिन में पढ़े या रात को, लेकिन सिर्फ पढ़ना ही नहीं है, नींद भी पूरी लें, खाना पौष्टिंक खाएं। क्योंकि स्वस्थ रहकर ही पढ़ाई अच्छी होगी। पर्याप्त नींद से मानसिक तनाव भी कम होगा।