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अगर बनना चाहते हैं डॉक्टर, तो इस खबर को जरूर पढ़ें

प्रदेश के युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है। हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज को 150 सीट की मान्यता मिल गई है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 10 May 2019 02:18 PM (IST)Updated: Fri, 10 May 2019 09:02 PM (IST)
अगर बनना चाहते हैं डॉक्टर, तो इस खबर को जरूर पढ़ें
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देहरादून, जेएनएन। डॉक्टर बनने के इच्छुक प्रदेश के युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है। हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज को 150 सीट की मान्यता मिल गई है। यह पांच वर्ष के लिए मान्य रहेगी। बता दें, पहले भी संस्थान में एमबीबीएस की 150 ही सीट थीं। पर गत वर्ष इसे घटाकर 100 कर दिया गया था। जिसका खामियाजा डॉक्टर बनने के इच्छुक युवाओं को उठाना पड़ा। 

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देशभर के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के दाखिले अब नीट के माध्यम से किए जाते हैं। बीते रविवार नीट का आयोजन किया गया है। जून में परीक्षा का परिणाम जारी किया जाएगा। इससे पहले अभ्यर्थियों के लिए एक सुखद खबर आई है। हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज को 150 सीट की मान्यता मिल गई है। बता दें, उत्तराखंड में तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। 

इनमें श्रीनगर और हल्द्वानी में एमबीबीएस की 100-100 सीट हैं, जबकि दून मेडिकल कॉलेज में 150 सीट हैं। इनमें 15 प्रतिशत ऑल इंडिया और शेष स्टेट कोटे की सीटें हैं। जबकि निजी कॉलेजों में एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज में 150 और हिमालयन इंस्टीट्यूट में एमबीबीएस की 100 सीट हैं। इनमें 50 प्रतिशत सीटें राज्य कोटे और 50 प्रतिशत सीटें ऑल इंडिया मैनेजमेंट कोटे की हैं। सुभारती मेडिकल कॉलेज में सुप्रीम कोर्ट ने अगले दो साल तक दाखिले पर रोक लगा दी है। 

एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विजय जुयाल ने बताया कि सीट में इजाफा होने का सीधा लाभ राज्य के युवाओं को मिलेगा। क्योंकि नियमानुसार राज्य कोटा भी बढ़ गया है। 

अब कम पर्सेंटाइल पर होगा एमडी-एमएस में दाखिला 

न्यूनतम अंक की अर्हता पूरी न करने पर एमडी-एमएस में दाखिले से महरूम अभ्यर्थियों के लिए एक अच्छी खबर है। नीट-पीजी के क्वॉलिफाइंग मा‌र्क्स में छह पर्सेंटाइल की कमी की गई है। ऐसे में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 44 पर्सेटाइल, दिव्यागों को 39 पर्सेंटाइल और एससी/एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को 34 पर्सेटाइल पर पीजी में दाखिला मिलेगा। जिसके बाद एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय पुन: एक बार रजिस्ट्रेशन विंडो खोलने जा रहा है। 

बता दें, यह बदलाव सिर्फ 2019-20 शैक्षिक सत्र में ही लागू होगा। देशभर के निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेजों के पीजी पाठ्यक्रमों में दाखिला एकल परीक्षा नीट-पीजी के माध्यम से किया जाता है। इस साल परीक्षा का परिणाम जनवरी अंत में जारी किया गया था। प्रदेश में एमडी-एमएस और पीजी डिप्लोमा में दाखिले के लिए मॉपअप समेत तीन राउंड की काउंसिलिंग अब तक आयोजित की जा चुकी है। 

पर इस बीच नीट-पीजी के क्वॉलिफाइंग मा‌र्क्स में कटौती के साथ ही इसका संशोधित परिणाम जारी किया गया है। इससे कई और अभ्यर्थी दाखिले के पात्र हो गए हैं। विवि के कुलसचिव प्रो. विजय जुयाल ने बताया कि प्रदेश में सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एमडी-एमएस और पीजी डिप्लोमा की 63 सीट अभी भी रिक्त हैं। जबकि एमडीएस की आठ सीटें खाली हैं। अब जबकि क्वॉलिफाइंग मा‌र्क्स में कटौती की गई है, इसी अनुरूप काउंसिलिंग कराई जाएगी। शुक्रवार से रजिस्ट्रेशन विंडो खोली जा रही है। जिसमें न्यूनतम अंक की तय अर्हता के तहत अभ्यर्थी आवेदन कर पाएंगे। 

कहां-कितनी सीट खाली 

एमडी-एमएस और पीजी डिप्लोमा 

राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी-10 

राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर-04 

एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज-20 (12 स्टेट और 8 मैनेजमेंट कोटा) 

हिमालयन इंस्टीट्यूट-29 (13 स्टेट, 12 मैनेजमेंट कोटा और चार सीट पीजी डिप्लोमा) एमडीएस सीमा डेंटल कॉलेज-8 (3 स्टेट और 5 मैनेजमेंट कोटा) 

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