अब जेनेटिक टेस्ट से सुधरेगी क्रिकेटरों की फिटनेस, जानिए क्या है Genetic test और इसके फायदे
क्रिकेट और क्रिकेटरों की बेहतरी की दिशा में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में क्रिकेटरों की फिटनेस सुधारने के लिए एसोसिएशन ने उनका जेनेटिक टेस्ट (अनुवांशिक परीक्षण) कराने का निर्णय लिया गया है।
देहरादून, निशांत चौधरी। प्रदेश में क्रिकेट और क्रिकेटरों की बेहतरी की दिशा में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में क्रिकेटरों की फिटनेस सुधारने के लिए एसोसिएशन ने उनका जेनेटिक टेस्ट (अनुवांशिक परीक्षण) कराने का निर्णय लिया है। पहले चरण में सीनियर पुरुष और महिला टीम के सदस्यों का परीक्षण कराया जाएगा। यह परीक्षण आगामी सत्र से पहले होगा। इससे खिलाड़ी का जेनेटिक डाटा पता चलेगा। इसके आधार पर हर खिलाड़ी के लिए अलग योजना तैयार करके उसकी फिटनेस को सुधारा जाएगा। एक टीम के शिविर में 25 खिलाडिय़ों का चयन किया जाता है। इस आधार पर पहले 50 खिलाड़ियों का परीक्षण होगा। एक खिलाड़ी के परीक्षण में 25 से 30 हजार रुपये खर्च आएगा।
यह है जेनेटिक टेस्ट का उद्देश्य
इस परीक्षण का उद्देश्य खिलाड़ियों की फिटनेस को बेहतर बनाना है। इससे खिलाड़ियों को अपनी गति बढ़ाने, फैट बर्न करने, रिकवरी टाइम बढ़ाने और मसल मजबूत करने में सहायता मिलेगी। जेनेटिक टेस्ट के जरिए किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य और न्यूट्रीशन से जुड़े 40 से ज्यादा जीन्स के बारे में पता लगाया जाता है। इसके बाद उसकी जेनेटिक टेस्ट की रिपोर्ट का एनवायरनमेंटल डाटा से मिलान किया जाता है। इसके आधार पर उक्त व्यक्ति का डाइट और व्यायाम चार्ट तैयार किया जाता है।
उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव महिम वर्मा ने बताया कि सीनियर क्रिकेट टीम के सदस्यों का जेनेटिक टेस्ट कराने की तैयारी चल रही है। यह आगामी सत्र से पहले कराया जाएगा। टेस्ट की रिपोर्ट के अनुसार हर क्रिकेटर के लिए अलग प्लान बनाकर उसकी फिटनेस को सुधारा जाएगा। यह कदम प्रदेश के क्रिकेट को एक कदम आगे ले जाने के लिए उठाया जा रहा है।