Move to Jagran APP

अब सिविल अस्पताल रुड़की में भी हो सकेगी कोरोना संक्रमण की जांच, मशीन इंस्टॉल

Coronavirus Outbreak सिविल अस्पताल रुड़की में भी अब कोविड-19 की जांच हो सकेगी। सिविल अस्पताल रुड़की में कोविड-19 की जांच के लिए दो मशीनें आ गई हैं। शनिवार को देहरादून से आए विशेषज्ञों ने मशीन को इंस्टॉल किया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 06:20 AM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 07:51 AM (IST)
अब सिविल अस्पताल रुड़की में भी हो सकेगी कोरोना संक्रमण की जांच, मशीन इंस्टॉल
अब सिविल अस्पताल रुड़की में भी हो सकेगी कोरोना संक्रमण की जांच।

रुड़की(हरिद्वार), जेएनएन। Coronavirus Outbreak सिविल अस्पताल रुड़की में भी अब कोविड-19 की जांच हो सकेगी। सिविल अस्पताल रुड़की में कोविड-19 की जांच के लिए दो मशीनें आ गई हैं। शनिवार को देहरादून से आए विशेषज्ञों ने मशीन को इंस्टॉल किया है। इन दोनों मशीनों को अलग लैब में लगाया है। 

loksabha election banner

सिविल अस्पताल रुड़की में अभी तक कोविड-19 की रैपिड एंटीजन जांच होती थी। जबकि आरटी-पीसीआर (रियल टाइम-रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमेरस चैन रिएक्शन) टेस्ट के लिए सैंपल ऋषिकेश, देहरादून, चंडीगढ़, गुरुग्राम और दिल्ली की पैथोलॉजी लैब में भेजे जाते हैं। अब कोरोना की जांच सिविल अस्पताल रुड़की में ही हो सकेगी। स्वास्थ्य निदेशालय देहरादून ने सिविल अस्पताल रुड़की को कोविड-19 की जांच के लिए दो आरटी-पीसीआर मशीनें दी हैं। 

शनिवार को देहरादून से आए विशेषज्ञ विमल किशोर बिष्ट ने मशीनों को अस्पताल की पुरानी लैब में इंस्टॉल किया है। हालांकि आरटीपीसीआर की यह दोनों मशीनें छोटी हैं। इन मशीनों ज्यादा संख्या में जांच नहीं हो सकेगी, लेकिन इमरजेंसी केसों में इन मशीनों पर कोविड-19 की जांच हो जाएगी। जिससे मरीज को जल्द से जल्द उपचार दिलाया जा सकेगा। वहीं, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय कंसल ने बताया कि आरटी-पीसीआर मशीनों के इंस्टोल का काम पूरा हो गया है। अब सैंपल की जांच हो सकेगी। अभी तक अस्पताल में रैपिड एंटीजन की जांच होती थी। इससे मरीजों को काफी फायदा मिलेगा। 

यह भी पढ़ें: Uttarakhand Coronavirus News Update: उत्तराखंड में 1239 कोरोना संक्रमित हुए ठीक, 704 नए मामले आए सामने

बीसीए यूनिट के शुरू होने से मरीजों को बड़ी राहत  

सिविल अस्पताल रुड़की की पैथोलॉजिस्ट डॉ. रितु खेतान ने बताया कि बीसीएस यूनिट के शुरू होने मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। मरीजों को इसके लिए अब देहरादून आदि की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। यूनिट के शुरू होने से सबसे अच्छी बात यह रहेगी कि एक यूनिट ब्लड चार मरीजों की जान बचा सकेगा। ब्लड में चार तरह के कंपोनेंट होते हैं। जिसमें प्लाज्मा, प्लेटलेट्स, रेड ब्लड सेल और क्रायोप्रोसीपिटेट होते हैं। अब जिस मरीज में जिस कंपोनेंट की कमी होगी। उसे वह कंपोनेंट दिया जा सकेगा। इससे एक यूनिट ब्लड चार मरीजों के काम आएगा।

यह भी पढ़ें: Uttarakhand Coronavirus News Update: उत्‍तराखंड में कोरोना संक्रमित 14 मरीजों की मौत, 400 नए मामले आए


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.