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अब ढके वाहनों में ही जा सकती है निर्माण सामग्री, जानिए

अब ढ़के वाहनों में ही निर्माण सामग्री जा सकती है। कोहरे और धुंध के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को कम करने के लिए ये फैसला लिया गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 04:56 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 04:56 PM (IST)
अब ढके वाहनों में ही जा सकती है निर्माण सामग्री, जानिए
अब ढके वाहनों में ही जा सकती है निर्माण सामग्री, जानिए

देहरादून, [जेएनएन]: कोहरे और धुंध के दौरान जब सड़क पर दृश्यता (विजिबिलिटी) बेहद कम हो जाती है तो दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में जरा सी असावधानी जानलेवा साबित हो सकती है। खासकर तब जब ट्रक-ट्रालों में निर्माण सामग्री जैसे सरिया, रॉड, पाइप बाहर की तरफ निकले होते हैं या वाहनों को बिना इंडिकेटर ऑन किए सड़क किनारे बेतरतीब ढंग से पार्क कर दिया जाता है। कम दृश्यता के दौरान होने वाले हादसों पर रोक लगाने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने खुले ट्रक-ट्रालों में निर्माण सामग्री ढोने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह बात और है कि हमारी मशीनरी अभी प्रभावी ढंग से इसका अनुपालन नहीं करा पा रही है। 

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अंतरराष्ट्रीय सड़क महासंघ (आइआरएफ) के अध्यक्ष केके कपिला का कहना है कि खुले ट्रक-ट्रालों में सरिया आदि का परिवहन बेहद खतरनाक होता है। कुछ समय पहले एम्स के चिकित्सकों की कार ऐसे ही एक ट्रक में जा घुसी थी और उसमें से निकले सरियों के कारण उनकी मौत हो गई थी। 

ऐसी दुर्घटनाओं को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने खुले ट्रक-ट्रालों में निर्माण सामग्री, कूड़ा व लूज मटीरियल का लाने और ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसका अनुपालन कराने की जिम्मेदारी पुलिस-प्रशासन पर होती है। यदि नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाए तो हादसों पर अंकुश लगाया जा सकता है। 

कृषि उत्पाद लेकर ओवरलोड चलती है ट्रॉलियां 

आइआरएफ के इंडिया चैप्टर के अध्यक्ष जी शरण का कहना है कि देश में करीब 65 फीसद कृषि उत्पाद जैसे गन्ना आदि लेकर ट्रैक्टर -ट्रॉलियों ओवरलोड होकर चलते हैं, जबकि इनमें किसी तरह के सुरक्षा उपाय भी नहीं किए जाते हैं। ऐसे में सड़क दुर्घटनाओं का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। 

बैरियर व रिफ्लेक्टिव टेप लगाना जरूरी 

जी शरण का कहना है कि ट्रक-ट्रालों में पीछे की तरफ निचले हिस्से पर बैरियर लगाए जाने चाहिए। नए वाहनों में यह कंपनी से लगे हुए आ रहे हैं, मगर सभी वाहनों में इनका प्रयोग जरूरी है। ताकि कम दृश्यता के कारण पीछे आने वाले वाहन उनमें न घुस पाएं। इसी तरह ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में उच्च गुणवत्ता के रिफ्लेक्टिव टेप लगाए जाने चाहिए। इंडियन पोटाश लिमिटेड में इस दिशा में काम भी किया और करीब 2000 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में टेप लगवाए भी गए हैं। 

यह सावधानी बरतना भी जरूरी 

-कोहरे व धुंध के दौरान वाहन की गति नियंत्रित होनी चाहिए। 

-ऐसे समय में कभी भी वाहनों को सड़क किनारे पार्क न करें। 

-वाहन की लाइट ऑन रखने के साथ ही पार्किंग लाइट भी ऑन करनी चाहिए। 

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