अब उच्च हिमालय की ट्रैकिंग को देना होगा शपथ पत्र
उच्च हिमालय और बुग्यालों की ट्रैकिंग कराने वाली एजेंसियां भी ट्रैकर्स से अनुमति के समय एक शपथ पत्र लेंगी। जिसमें ट्रैकर्स को लिखकर देना होगा कि वे स्वच्छता का पूरा ख्याल रखेंगे।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: उच्च हिमालय के बुग्याली क्षेत्रों में रात्रि विश्राम प्रतिबंधित होने के बाद अब पर्यटक दयारा बुग्याल के साथ गोई और बरनाला में भी कैंपिंग नहीं कर सकेंगे। साथ ही दिन में सैर करने वाले पर्यटकों को भी बुग्यालों (मखमली घास के मैदान) की स्वच्छता का पूरा ख्याल रखना होगा। ताकि बुग्यालों का संरक्षण हो सके। उच्च हिमालय और बुग्यालों की ट्रैकिंग कराने वाली एजेंसियां भी ट्रैकर्स से अनुमति के समय एक शपथ पत्र लेंगी। जिसमें ट्रैकर्स को लिखकर देना होगा कि वे बुग्याल एवं उसके आसपास के क्षेत्र में कैंप नहीं लगाएंगे और वहां स्वच्छता का भी पूरा ख्याल रखेंगे।
गुरुवार को उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बैठक के बाद यह जानकारी देते हुए कहा कि मानव के अत्याधिक आवागमन से न सिर्फ बुग्याल प्रदूषित हो रहे हैं, बल्कि वहां पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। इसलिए बुग्यालों के संरक्षण को हम सभी को आगे आना होगा। कहा कि बुग्याल में जाने वाले पर्यटक वहां किसी भी सूरत में रात्रि विश्राम नहीं करेंगे और खाने-पीने की जो वस्तुएं साथ ले जाएंगे, उनके रेपर्स आदि को स्वयं वापस लाना भी सुनिश्चित करेंगे। बुग्यालों में ट्रैकर्स कूड़ा व गंदगी करते हुए पाए गए तो उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
प्रभागीय वनाधिकारी संदीप कुमार ने नैनीताल उच्च न्यायालय और एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के आदेशों का हवाला देते हुए बताया कि बुग्यालों में रात्रि विश्राम पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसलिए ट्रैकर्स एजेंसियां अपने ट्रैकर्स को दिन में ही बुग्यालों का भ्रमण कराना सुनिश्चित करें और रात्रि विश्राम के लिए उन्हें उचित स्थानों पर ले आएं।
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