नई ओपीडी की अव्यवस्थाओं का ठीकरा फोड़ा कर्मचारियों के सिर, पढ़िए पूरी खबर
नई ओपीडी आए दिन मरीजों और तीमारदारों के लिए मुसीबत का सबब बन रही है लेकिन इससे सबक के बजाय अफसर अव्यवस्थाओं का ठीकरा कर्मचारियों के सिर फोड़ रहे हैं।
By Edited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 07:29 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 05:01 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की नई ओपीडी आए दिन मरीजों और तीमारदारों के लिए मुसीबत का सबब बन रही है। इसे लेकर कॉलेज प्रशासन की जमकर किरकिरी हो रही है, लेकिन इससे सबक लेने के बजाय अफसर तमाम अव्यवस्थाओं का ठीकरा कर्मचारियों के सिर फोड़ रहे हैं। इसी क्रम में अब प्राचार्य ने टीचिंग-नॉन टीचिंग स्टाफ को नोटिस जारी कर दिया है। जिसमें उन्हें दुष्प्रचार का जिम्मेदार ठहराया गया है। साथ ही कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है।
बता दें, नई बिल्डिंग में आधी-अधूरी तैयारियों के बीच ही ओपीडी शुरू कर दी गई है। जिस कारण आए दिन मरीज दिक्कत झेल रहे हैं। बीते दिनों लिफ्ट में तकनीकी खामी की वजह से मरीज और तीमारदारों की जान पर बन आई थी। वहीं नई पुरानी बिल्डिंग के बीच सड़क पार करने को लेकर भी मरीजों की जमकर फजीहत हो रही है। इसके अलावा हड्डी रोग विभाग तक पहुंचने के लिए घायलों और बुजुर्ग तमाम मुश्किल झेल रहे हैं। मरीजों की इस परेशानी की खबरें भी लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर चलाई जा रही हैं।
वहीं, अस्पताल की अव्यवस्थाएं रोजाना सुर्खियों में बनी हैं, जिस पर शासन ने कॉलेज प्रबंधन को कड़ी फटकार लगाई है। अब कॉलेज प्रबंधन ने विभिन्न संकाय सदस्यों, नॉन टीचिंग स्टॉफ और कार्मिकों को एक नोटिस जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि वह सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से कॉलेज का दुष्प्रचार कर रहे हैं। उन्हें कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। इस आदेश की प्रति निदेशक, एमएस, डिप्टी एमएस, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, एनएस व मुख्य प्रशासनिक अधिकारी को भी भेजी गई है। प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना का कहना है कि उनके संज्ञान में गलत सूचनाएं प्रचारित करने की जानकारी आई है। जिसके बाद सभी को चेतावनी जारी की गई है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पैथोलॉजी नहीं हो पाई शिफ्ट
सोमवार को नई बिल्डिंग में ब्लड सैंपल कलेक्शन सेंटर शुरू होना था, लेकिन वहां पर केवल एक ही कमरा होने के कारण ऐसा नहीं हो पाया। पैथोलॉजी विभाग ने एक कमरे में सेंटर चलाए जाने से हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में सोमवार को दूसरी जगह कमरों की तलाश की जाती रही। मरीजों को परेशानी होने और हंगामे की स्थिति बनने पर कॉलेज प्रबंधन की फजीहत भी हुई। सूचना पर प्राचार्य ने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों से समस्या समाधान को मंथन किया। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा का कहना है कि पैथोलॉजी सेंटर के लिए जगह ढूंढी जा रही है।
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