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DNA Case: महिला को तीसरी बार भेजा समन, 10 नवंबर को आयोग में पेश होने के आदेश

महिला नवजात बच्ची के गैरकानूनी डीएनए टेस्ट मामले में पक्ष रखने के लिए दूसरी बार भी बाल अधिकार संरक्षण आयोग में पेश नहीं हुई। महिला ने आयोग को पत्र लिखकर पक्ष रखने के लिए अखबार की छाया प्रति और वीडियो की पेन ड्राइव उपलब्ध की गुजारिश की।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 06:00 AM (IST)
DNA Case: महिला को तीसरी बार भेजा समन, 10 नवंबर को आयोग में पेश होने के आदेश
महिला को तीसरी बार भेजा समन, 10 नवंबर को आयोग में पेश होने के आदेश।

देहरादून, जेएनएन। द्वाराहाट से भाजपा विधायक पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला नवजात बच्ची के गैरकानूनी डीएनए टेस्ट मामले में पक्ष रखने के लिए दूसरी बार भी मंगलवार को बाल अधिकार संरक्षण आयोग में पेश नहीं हुई। महिला ने आयोग को पत्र लिखकर पक्ष रखने के लिए अखबार की छाया प्रति और वीडियो की पेन ड्राइव उपलब्ध की गुजारिश की। वहीं, आयोग ने महिला को सभी चीजें उपलब्ध कराने के साथ ही नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस के माध्यम से समन भेजकर 10 नवंबर को आयोग में पक्ष रखने के लिए पेश होने के आदेश दिए हैं।

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बीते अगस्त माह में बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड के पूर्व सदस्य हरि सिंह नेगी ने आयोग में शिकायत की थी कि महिला ने गैरकानूनी तरीके से डीएनए टेस्ट करवाया, जिसका संज्ञान लेते हुए आयोग ने इस प्रकरण में पुलिस को जांच के निर्देश दिए थे। जांच में पाया गया कि नवजात बच्ची का शामली के जिस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 18 मई में जन्म हुआ था, वहां के चिकित्स अधीक्षक ने बताया कि नवजात का डीएनए अस्पताल की ओर से निर्धारित की गई कमेटी ने जांच के लिए नहीं भेजा। 

इसके बाद आयोग के निर्देश पर पुलिस ने महिला को नवंबर प्रथम सप्ताह में समन भेजकर 19 सितंबर को पेश होने के लिए कहा गया था। लेकिन महिला ने आयोग को पत्र भेजकर शिकायत की प्रतिलिपि न होने का हवाला देते हुए जवाब देने में असमर्थता जताई। इसके बाद आयोग ने दोबारा समन भेजकर 27 सितंबर को पक्ष रखने के निर्देश दिए। आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि दो बार समन भेजने के बाद भी महिला आयोग में पेश नहीं हुई। 

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महिला की ओर से आयोग को पत्र लिखा है, जिसमें उसने कहा है कि जिस आधार पर शिकायतकर्ता ने शिकायत की है इस संबंध में उन्हें अखबारों की छायाप्रति और सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए वीडियो की पैन ड्राइव प्राप्त नहीं हुई। ऊषा नेगी ने बताया कि महिला की गुजारिश पर सभी चीजें उन्हें भेज दिए गए हैं। साथ ही महिला को अपना पक्ष रखने के लिए 10 नवंबर की तिथि दी गई है।

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